मेरी कप्तानी की समीक्षा के लिए जनहित याचिका (PIL) की जरूरत: महेंद्र सिंह धोनी
मेलबर्न: भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने लगातार खराब परिणामों के कारण हो रही आलोचनाओं के संदर्भ में कहा कि उनकी कप्तानी की समीक्षा केवल जनहित याचिका (PIL) के जरिये ही संभव है। भारत को धोनी के नेतृत्व में रविवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार तीसरे वनडे में भी हार का सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा, हमारे पास सीम गेंदबाजी का ऑलराउंडर नहीं है और इसलिए मैं इस विषय पर बात नहीं करना चाहता। यदि आप सीरीज पर गौर करो तो हमारे पास अपेक्षाकृत अनुभवहीन गेंदबाजी आक्रमण है। ईशांत शर्मा ने काफी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेली है लेकिन वह इस प्रारूप में नियमित तौर पर नहीं खेला है। धोनी ने कहा, उमेश यादव टीम से अंदर बाहर होता रहा है और बाकी अन्य हैं जिन्होंने यहां पदार्पण किया। इसलिए हमें इस समय यह आकलन करना होगा कि एक खिलाड़ी कितना अच्छा है और वे क्या कर रहे हैं और उनकी प्रगति की दर क्या है।
धोनी ने कहा, वह लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और उसने लगातार सुधार किया है। भारतीय बल्लेबाजों में छोटे प्रारूप में रोहित शर्मा के साथ वह सर्वश्रेष्ठ है। आज जिस तरह से उसने अपनी पारी संवारी वह पहले दो मैचों से थोड़ी भिन्न थी। लेकिन वह वास्तव में मैच का अच्छा आकलन करता है जो कि बीच के ओवरों में बेहद महत्वपूर्ण है। विराट ऐसा खिलाड़ी है जिस पर हम भविष्य के लिये गौर कर सकते हैं क्योंकि वह ऐसा खिलाड़ी है जो लंबे समय तक टीम को आगे ले जाएगा।
उन्होंने कहा, वह (कोहली) ऐसा युवा खिलाड़ी है जिसने वास्तव में बहुत अच्छी प्रगति की। मुझे अब भी वे दिन याद हैं जब वह पहली बार टीम का हिस्सा बना था और फिर उसे टीम से बाहर कर दिया गया और फिर उसने वापसी की। मुझे याद है कि वह श्रीलंका के खिलाफ सीरीज ली थी और उसने हमारे लिये पारी का आगाज किया और बाद में निचले क्रम में बल्लेबाजी की।
धोनी ने कहा, मेरा हमेशा से मानना रहा है कि वह टॉप क्रम का बल्लेबाज और एक बार जब उसे मौका मिला तो उसने इसका पूरा फायदा उठाया। अब उस बल्लेबाजी क्रम के बारे में कोई किसी से कोई बात नहीं कर सकता है जो कि अच्छी बात है। आज के मैच में हार के लिये धोनी ने खराब क्षेत्ररक्षण को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, यह हार पचाना मुश्किल है। हमने आज अच्छा क्षेत्ररक्षण नहीं किया। कम से कम तीन बाउंड्री हमें आसानी से रोकनी चाहिए थी।