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मेलबर्न टेस्ट से एक दिन पहले आखिर क्यों निकाले गए राहुल-विजय, हनुमा को बड़ा मौका

भारतीय टीम प्रबंधन ने परंपरा से हटते हुए मेलबर्न टेस्ट से एक दिन पहले ही अपने प्लेइंग इलेवन की घोषणा कर दी, जिससे टीम के संभावित संयोजन को लेकर लगाई जा रही अटकलें भी खत्म हो गई. केएल राहुल और मुरली विजय की सलामी जोड़ी को बाहर का रास्ता दिखाया गया. राहुल बेहद खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं और मौजूदा सीरीज की चार पारियों में केवल 48 रन बना पाए हैं, जिसमें एडिलेड में दूसरी पारी में बनाए 44 रन भी शामिल हैं. इस साल विदेशों में खेलते हुए उनकी औसत 20.94 तक गिर गई है और इस दौरान वह नौ टेस्ट में सिर्फ एक बार अर्धशतक जड़ने में सफल रहे.

मेलबर्न टेस्ट से एक दिन पहले आखिर क्यों निकाले गए राहुल-विजय, हनुमा को बड़ा मौकामुरली विजय भी इससे कुछ अधिक बेहतर नहीं कर पाए हैं. वह मौजूदा सीरीज की चार पारियों में सिर्फ 49 रन बना पाए हैं. पर्थ में उन्होंने दूसरी पारी में 20 रन बनाए जो मौजूदा दौरे पर उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर है. कुल मिलाकर 2018 में आठ टेस्ट में उनकी औसत सिर्फ 18.80 रही है, जिसमें अफगानिस्तान के खिलाफ एक शतक भी शामिल है. अफगानिस्तान के खिलाफ शतक को हटा दिया जाए, तो विजय का सर्वश्रेष्ठ स्कोर इस साल 46 रन है, जो उन्होंने सेंचुरियन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहली पारी में बनाया. मौजूदा वर्ष में विदेशों में उनकी औसत सात टेस्ट में 12.64 ही है.

ये स्कोर दर्शाते हैं कि ऑस्ट्रेलिया में नई गेंद के गेंदबाजों के लिए ये दोनों आसान शिकार बन गए थे. मेलबर्न में मौजूद चयन समिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद ने संकेत दिए हैं कि पृथ्वी शॉ के चोटिल होने के कारण विहारी कामचलाऊ समाधान हैं. मयंक अग्रवाल ने हालांकि टीम में जगह घरेलू स्तर और भारत-ए की ओर से शानदार प्रदर्शन की बदौलत बनाई है.

हनुमा विहारी आंध्र की ओर से तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हैं. वह हालांकि प्रथम श्रेणी करियर की शुरुआत में हैदराबाद के लिए पारी का आगाज कर चुके हैं. उनके पारी की शुरुआत करने की जिम्मेदारी मिलने से जाहिर है कि उन्होंने अब तक अपने दो टेस्ट में टीम प्रबंधन को प्रभावित किया है और यही कारण है कि उन्हें मिशेल स्टार्क, पैट कमिंस और जोश हेजलवुड के खिलाफ जिम्मेदारी सौंपी गई है.

टीम प्रबंधन की इस रणनीति से एक बार फिर सभी की नजरें रोहित शर्मा पर टिकी होंगी, जिन्हें फिर मध्यक्रम में मौका दिया जा रहा है. कप्तान विराट कोहली के पास ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या को खिलाने का विकल्प था, लेकिन उन्होंने दोबारा फिट हो चुके रोहित शर्मा को अतिरिक्त बल्लेबाज के रूप में खिलाने का फैसला किया.

इससे पहले टीम प्रबंधन रोहित को अंतिम एकादश में मौका देने के लिए चेतेश्वर पुजारा (सिडनी में 2014 में) को टीम से बाहर कर चुका है, जबकि कोलंबो में 2015 में अजिंक्य रहाणे जबकि सेंट लूसिया में 2016 में कप्तान विराट कोहली तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे. रोहित हालांकि टेस्ट क्रिकेट में निरंतर अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे हैं. एडिलेड में पहले टेस्ट की पहली पारी में भारत के 250 रन में उन्होंने 37 रन की आक्रामक पारी खेली थी.

भारत ने तीसरा बदलाव अपने गेंदबाजी आक्रमण में किया है. पर्थ में गेंदबाजी में खराब संतुलन के बाद टीम में ईशांत शर्मा, मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह के साथ स्पिनर के रूप में बाएं हाथ के गेंदबाज रवींद्र जडेजा को शामिल किया गया है. जडेजा कंधे की जकड़न से पर्याप्त रूप से उबर चुके हैं और वह टीम में उमेश यादव की जगह लेंगे.

ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के पेट की मांसपेशियों में खिंचाव से उबरने में नाकाम रहने के बाद जडेजा को अंतिम एकादश में जगह मिली है. ऑस्ट्रेलिया ने भी अंतिम एकादश में एक बदलाव करते हुए खराब फॉर्म से जूझ रहे पीटर हैंडस्कॉम्ब की जगह ऑलराउंडर मिशेल मार्श को मौका दिया है.

एमसीजी की सपाट पिच को ध्यान में रखते हुए मेजबान टीम ने यह बदलाव किया है. पिछले साल दिसंबर में इंग्लैंड के खिलाफ यहां नीरस ड्रॉ के बाद आईसीसी ने पिच को ‘खराब’ रेटिंग दी थी. तीसरे टेस्ट के लिए पिच पर घास छोड़ी गई है और दोनों टीमों ने विकेट में नमी होने की बात भी कही है.

टीमें इस प्रकार हैं-

भारत (एकादश): विराट कोहली (कप्तान), मयंक अग्रवाल, हनुमा विहारी, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, रोहित शर्मा, ऋषभ पंत, रवींद्र जडेजा, ईशांत शर्मा, मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह.

ऑस्ट्रेलिया (एकादश): टिम पेन (कप्तान), मार्कस हैरिस, एरॉन फिंच, उस्मान ख्वाजा, ट्रेविस हेड, शॉन मार्श, मिशेल मार्श, नाथन लियोन, मिशेल स्टार्क, पैट कमिंस और जोश हेजलवुड.

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