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मेहनत-मजदूरी कर छोटी जमा वालों को लग सकता है झटका
रोजाना मेहनत-मजदूरी कर छोटी जमाएं करने वालों को केन्द्र सरकार झटका दे सकती है। वित्त मंत्रालय छोटी जमा पूंजी पर जमाकर्ताओं को मिलने वाले ब्याज में कटौती कर सकता है। इस महीने के अंत तक डाक विभाग के बचत खाते और पीपीएफ खाते में जमा राशि पर सरकार ब्याज दरों में कटौती का फैसला ले सकती है।
आरबीआई एवं बैंकों ने सरकार पर छोटी जमा पूंजी पर ब्याज कम करने का दबाव डाला है। बैंकों का कहना है कि इन खातों की ब्याज दर को भी बैंक दर के समान ही लाया जाना चाहिए।
सरकार करेगी समीक्षा
रिजर्व बैंक की ओर से ब्याज दरों में कटौती किए जाने के बाद बैंकों पर छोटी पूंजी पर 8.70 से 9.30 फीसदी तक मिलने वाले ब्याज का मुकाबला करने का दबाव है। ऐसे में वह अपनी नीति तय नहीं कर पा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक बैंकों के इसी दबाव के चलते सरकार जल्दी ही छोटी सेविंग्स स्कीम्स पर मिलने वाले ब्याज की समीक्षा कर सकती है।
इन योजनाओं पर नजर
लघु बचत योजनाओं में पीपीएफ खाते, डाक विभाग मासिक आय योजना, डाक विभाग फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना और सुकन्या समृद्धि जैसी योजनाएं शुमार की जाती हैं। वित्त मंत्रालय ने इसी साल सितंबर में छोटी जमा योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज की समीक्षा करने की मंशा व्यक्त की थी।
तब बैंकों ने वित्त मंत्रालय से कहा था कि इस तरह की योजनाओं पर मिलने वाले अधिक ब्याज की वजह से उनके लिए ब्याज दरों में कटौती करना मुश्किल हो रहा है। बीते सप्ताह वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि सरकार छोटी जमा योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज में सावधानी से कटौती करना चाहती है ताकि गरीब और कमजोर तबकों के हित प्रभावित न हों।
सतर्कता के साथ करेंगे कमी
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक कार्यक्रम में कहा कि सरकार लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कटौती करेगी लेकिन समाज के महत्वपूर्ण वर्गों को ध्यान में रखते हुए सतर्कता के साथ यह कटौती की जाएगी। जेटली ने कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किए जाने से वेतन और पेंशन में होने वाली बढ़ोतरी की वजह से सामाजिक क्षेत्र पर होने वाले व्यय के लिए धनराशि जुटाना चुनौतीपूर्ण बन गया।