भोपाल : केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने दलितों के घर भोजन करने के मामले में अलग नजरिए है। मध्य प्रदेश की दौरे पर गईं उमा भारती ने कहा कि हम भगवान राम नहीं हैं कि दलितों के साथ भोजन करेंगे तो वह पवित्र हो जाएंगे। जब दलित हमारे घर आकर साथ बैठकर भोजन करेंगे तब हम पवित्र हो पाएंगे। दलित को जब मैं अपने घर में अपने हाथों से खाना परोस कर खिलाऊंगी तब मेरा घर धन्य हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मैं कभी सामाजिक समरसता भोजन में भाग नहीं लेती, क्योंकि मैं खुद को भगवान राम नहीं मानती हूं कि शबरी के घर जाकर भोजन किया तो शबरी का कल्याण हो गया।
गौरतलब है पार्टी की नीति के तहत केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित उनकी कैबिनेट के कई मंत्री भी दलितों के साथ खाना खा चुकी हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी दलितों के साथ खाना खा चुके हैं। हालांकि दलितों के साथ खाना खाने के इस चलन को लेकर विवाद भी हो चुके हैं। कई बार बाहर से खाना ले जाकर दलितों के घर में बैठकर खाने के आरोप लग चुके हैं तो रविशंकर प्रसाद ने दलित को फाइव स्टार होटल में बुलाकर उनके साथ खाना खाया था, इन सब के बावजूद बीजेपी नेताओं का दलितों के घर पर जाकर खाना खाने का चलन बढ़ रहा है। कयास यह भी है कि सर्वोच्च अदालत की ओर से इसकी/एसटी एक्ट को कथित तौर पर कमजोर किए जाने के फैसले में केंद्र सरकार की रजामंदी के आरोप लगने के बाद से भारतीय जनता पार्टी लगातार दलितों से नजदीकी बढ़ाने में जुटी है।