राज्य
मैग्नेटिक माइक्रोफोन से एग्जाम में नकल कराने वाला अरेस्ट, करोड़ों की है प्रॉपर्टी
पटना.पटना पुलिस ने पहली बार मैग्नेटिक माइक्रोफोन से एसएससी, एमटीएस समेत अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं में नकल कराने वाले एक बड़े गिरोह के आठ मेंबर्स को अरेस्ट किया गया है। पुलिस ने पत्रकारनगर व आसपास इलाकों में छापेमारी कर सरगना मनीष कुमार के साथ अन्य सात लोगों को अरेस्ट किया। इन परीक्षा माफियाओं के पास से मैग्नेटिक स्टिक, मैग्नेटिक माइक्रोफोन, 15 मोबाइल, कॉपर वायर, नकल कराने के लिए गंजी के अलावा लैपटॉप, दर्जनभर एटीएम कार्ड के साथ ही परीक्षार्थियों का एडमिट कार्ड आदि बरामद किया है।
इस गिरोह का तार नीट प्रश्नपत्र लीक करने की कोशिश करने वाले संजीव गुरु के बेटा शिव से जुड़ा है। नालंदा के नीरपुर निवासी मनीष एसएससी, एमटीएस, बैंकिंग, रेलवे समेत कई प्रतियोगिता परीक्षाओं में नकल करता है। एक कंडीडेट को परीक्षा में पास कराने के लिए मनीष 12-15 लाख लेता है। नीट परीक्षा पास कराने के लिए 40-50 लाख लेता है। गिरफ्तार होने वालों में मनीष के अलावा आलमगंज का दिलीप कुमार, अरवल का सिटू कुमार व नीतीश कुमार, भागलपुर के राजीव कुमार, पालीगंज का मनीष कुमार, गौरीचक का राकेश रंजन और सिपारा का शंभू कुमार के नाम शामिल है।
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एसएससी एमटीएस परीक्षा का आंसर आया था हरियाणा से
मनीष और उसके साथ पकड़े गए शातिरों ने बताया कि वे लोग परीक्षा शुरू होने से पहले से कुछ सेंटरों को मैनेज कर वहां से प्रश्नपत्र आउट कराने के लिए वहां के कर्मियों को एक से दो लाख देते हैं। प्रश्नपत्र आउट होने के बाद इस गिरोह के पास एक्सपर्ट की टीम हैं। यह टीम हरेक विषय के होते हैं। एक-एक विषय के तीन-तीन एक्सपर्ट को रखा जाता है कि ताकि प्रश्नपत्र हल करने में ज्यादा समय न लगे। आंसर हो जाने पर फिर यह गिरोह अपने-अपने कंडीडेट को इसे भेज देते हैं। मनीष ने बताया कि पिछले रविवार को जो परीक्षा एमटीएस-एसएससी की जो परीक्षा हुई थी उसका आंसर हरियाणा से आया था।
नकल के गोरखधंधे से बन गया करोड़पति
मैगनेटिक माइक्रोफोन से एसएससी, एमटीएस समेत अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं में नकल कराने वाले एक बड़े गिरोह को पुलिस ने पकड़ा है। पुलिस ने पत्रकारनगर व आसपास इलाकों में छापेमारी कर इस गिरोह के सरगना मनीष कुमार के साथ ही उसके सहयोगी अन्य सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया। प्रतियोगिता परीक्षाओं में नकल कराने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड मनीष का बिहार के कई जिलों के साथ ही झारखंड, यूपी, बंगाल हरियाणा में है। इन राज्यों से भी यह गिरोह प्रश्नपत्र 9 लीक करा लेता है। फिर पटना या अन्य शहरों में उसके एक्सपर्ट आंसर बनाकर इसे कैंडिडेट को भेज देते हैं। मनीष के शरीर पर पांच से छह लाख का सोना था। वह चेन, अंगूठी आदि पहने हुए था। वह करोड़ों को मालिक है। पुलिस के मुताबिक पत्रकारनगर इलाके के कांटी फैक्ट्री में उसका फ्लैट है। वह 26 साल का है पर इस गोरखधंधे से 10-15 करोड़ की कमाई कर चुका है। उसके कई बैंक में खाते हैं। पुलिस के अनुसार पुलिस उसके संपत्ति को खंगाल रही है। वहीं शंभू मुसल्लहपुर में साइबर कैफे के साथ कोचिंग चलाता है। उसके जरिये भी छात्रा मनीष को मिलता है। राकेश भी इस गिरोह का सक्रिय सदस्य है।
इस तरह पकड़ा गया मनीष और उसका गिरोह : पटना पुलिस एसएससी का प्रश्नपत्र और आंसर लीक होने के बाद यह पता लगा रही थी कि किस गिरोह ने यह काम किया है। मंगलवार को सुबह में पुलिस को पता लगा कि मनीष इसका मास्टरमाइंड है और वह नालंदा का है और संजीव से जुड़ा रहा है। इसी बीच मंगलवार की रात एसएसपी मनु महाराज को मनीष के ही किसी विरोधी ने बताया कि वे लोग पत्रकारनगर इलाके में घूम रहे हैं। मनीष का मोबाइल नंबर भी पुलिस को मिल चुका था। पुलिस ने मनीष के साथ ही सबों को एक-एक कर दबोच लिया।
पहली बार मैगनेटिक डिवाइस से नकल : एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि पहली बार पटना पुलिस ने मैगनेटिक डिवाइस से परीक्षा में नकल करने वाले गिरोह को पकड़ा है। इससे पहले ब्लूटूथ वाले गिरोह को कई बार पकड़ा जा चुका है। मनीष का गिरोह कई राज्यों में है। वह करोड़ों का मालिक है। पुलिस मनीष और उसके गिरोह का बैंक खाता खंगालेगी। मोबाइल और लैपटॉप को भी जांच की जा रही है।
इस तरह कराता है नकल
जिस परीक्षार्थी को नकल कराना होता है, उसके एक करीबी को अपने पास रखते हैं । जो परीक्षा दे रहा है कि उसे एक मोबाइल दिया जाता है, जिसे वह अंडर वीयर में रख लेता है। ब्रांडेड कंपनी जाॅकी का गंजी उसे पहनाया जाता है, ताकि वह शरीर से सटा रहे। अंडरवियर में रखे मोबाइल से पतली से एक कॉपर वायर लगी रहती है तो पेट तक आती है। पेट के पास एक बटन लगा रहता है। इसके अलावा अदृश्य मैगनेटिक माइक्रोफोन परीक्षार्थी के कान के अंदर डाल दिया जाता है। सभी सेट का आंसर बन जाने के बाद उसे परीक्षार्थी के करीबी तक पहुंचा दिया जाता है।
जिस परीक्षार्थी को नकल कराना होता है, उसके एक करीबी को अपने पास रखते हैं । जो परीक्षा दे रहा है कि उसे एक मोबाइल दिया जाता है, जिसे वह अंडर वीयर में रख लेता है। ब्रांडेड कंपनी जाॅकी का गंजी उसे पहनाया जाता है, ताकि वह शरीर से सटा रहे। अंडरवियर में रखे मोबाइल से पतली से एक कॉपर वायर लगी रहती है तो पेट तक आती है। पेट के पास एक बटन लगा रहता है। इसके अलावा अदृश्य मैगनेटिक माइक्रोफोन परीक्षार्थी के कान के अंदर डाल दिया जाता है। सभी सेट का आंसर बन जाने के बाद उसे परीक्षार्थी के करीबी तक पहुंचा दिया जाता है।