मोदी की कानपुर रैली तिथियों के टकराव से लग सकता है ग्रहण
भारतीय जनता पार्टी के पीएम पद के दावेदार नरेन्द्र मोदी की कानपुर रैली पर ग्रहण लग सकता है। मोदी की कानपुर रैली पहले फूलबाग मैदान पर होनी थीए लेकिन अब प्रस्तावित स्थल को बदल कर गोविंदनगर स्थित पराग डेयरी मैदान कर दिया गया है पर ग्रहण की वजह तिथियों में टकराव हो सकता है। मोदी की रैली 15 अक्टूबर को होनी है। इस दिन बकरीद का त्योहार पड़ सकता है और एक दिन पहले 14 अक्टूबर को विजया दशमी ;यानि दशहराद्ध है। बकरीद का त्योहार चन्द्रदर्शन पर आधारित है। इसके मद्देनजर वह एक दिन आगे भी बढ़ सकता है। कानपुर के लिहाज से दोनों त्योहारों का एक साथ पड़ना प्रशासन के लिए पहले ही चुनौती बन जाता है।
इस बीच गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली के लिए मंजूरी देना जिला प्रशासन के लिए बेहद अहम हो जाएगा और मोदी की रैली का हश्र भी 15 सितम्बर की वरुण गांधी की आगरा रैली जैसा हो सकता है। कानपुर रैली का स्थल बदलने के पीछे भाजपा अध्यक्ष का कहना है कि फूलबाग मैदान की क्षमता 30 हजार लोगों की है जबकि मोदी की पहली रैली में दो लाख से ज्यादा लोगों के आने का अनुमान है। ऐसे में जगह छोटी पड़ रही थी तो इसको गोविंदनगर में शिफ्ट किया गया। इस मैदान तक आने वाले कार्यकर्ता व मोदी समर्थकों के रूट का भी आंकलन करा लिया गया है। रैली को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह व नरेन्द्र मोदी को सम्बोधित करना है।
उधरए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डाण् लक्ष्मी कांत बाजपेयी का कहना है कि अभी तक उन्होंने 15 की रैली के लिए कानपुर के प्रशासन से आवेदन ही नहीं किया हैए तो फिर मुश्किल कहां से पैदा की जा रही है। उल्लेखनीय है कि भाजपा में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित होने के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री की यूपी में पहली रैली 15 अक्टूबर को होनी है। इसी रैली से वह प्रदेश में एक तरीके से पार्टी का लोकसभा के लिए शंखनाद करने वाले हैंए लेकिन तिथियों में फंसी इस रैली को कराने के लिए कार्यक्रम में फेरबदल की संभावना ज्यादा बढ़ गयीं है।