नई दिल्ली (एजेंसी)। क्षेत्र के साथ-साथ दुनिया को एक बड़ा कूटनीतिक संकेत देते हुए नामित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान सहित दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के सभी आठों सदस्य देशों के प्रमुखों को 26 मई को अपने शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया है। सदस्य देशों की ओर से निमंत्रण स्वीकार किए जाने की प्रतीक्षा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा ‘‘आज (बुधवार) दोपहर पत्र भेजे गए हैं। विदेश सचिव सुजाता सिंह ने दक्षेस देशों के अपने समकक्षों को अपने नेताओं को शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए निमंत्रण देने का आग्रह किया है।’’ दक्षेस के सदस्य देशों में भारत पाकिस्तान बांग्लादेश श्रीलंका नेपाल मालदीव भूटान और अफगानिस्तान है। अकबरुद्दीन ने बाद में एक बयान में कहा है कि मंत्रालय सार्क के सदस्य देशों के साथ इस मसले पर अनौपचारिक बातचीत की है और अगले कुछ दिनों में उनका जवाब आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा ‘‘यह हमारे लिए पहला मौका है जब भारत ने सभी सार्क देशों के प्रमुखों को प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए बुलाया है।’’जिन नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है उनमें सभी की निगाह अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर टिकी है कि वह इस अनपेक्षित निमंत्रण को किस तरह से लेते हैं। यह पूछे जाने पर कि पिछले वर्ष सत्ता में आए शरीफ समारोह में हिस्सा ले सकते हैं या नहीं पाकिस्तान के राजनयिक सूत्रों ने कहा कि निमंत्रण अभी तक इस्लामाबाद नहीं पहुंचा है और इसीलिए वह इस पर तुरंत अपनी प्रतिक्रिया जाहिर नहीं कर सकते। जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री ने सार्क देशों की सरकार के प्रमुखों को निमंत्रित करने के मोदी के फैसले का सबसे पहले स्वागत किया। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है ‘‘सार्क के नेताओं को निमंत्रित करने का नरेंद्र मोदी का कदम सराहनीय है। उम्मीद है कि इस अच्छी शुरुआत से जारी रहेगी।’’ पूर्व राजदूत और सार्क के महासचिव रह चुके शील कांत शर्मा ने कहा कि क्षेत्रीय समूह को महत्व देने के लिए मोदी की ओर से उठाया गया यह शानदार कदम है। शर्मा ने आईएएनएस से कहा ‘‘यह अत्यंत स्वागत योग्य कदम है। यह साफ संकेत है कि वे क्षेत्र के साथ शुरुआत करना चाहते हैं।’’ भाजपा में शामिल हो चुके पूर्व राजदूत हरदीप सिंह पुरी ने आईएएनएस से कहा ‘‘हर लिहाज से यह अत्यंत सराहनीय पहल है। सार्क 1.6 अरब लोगों का घर है हम विकास की साझी चुनौतियों से जूझ रहे हैं। यह दुनिया के सबसे पिछड़े क्षेत्रों में से एक है जहां संपर्क का अभाव है।’’ उन्होंने कहा कि यदि क्षेत्र एकजुट रहता है तो संभावना बढ़ेगी। उन्होंने कहा ‘‘नामित प्रधानमंत्री का सार्क देशों की सरकार के प्रमुखों को स्पष्ट संदेश है कि स्थायित्व और समृद्धि में हमारा साझा महत्वपूर्ण हित है और सार्क के विकास एवं समृद्धि के लिए सभी को संपर्क बनाए रखना होगा।’’सोमवार को मोदी 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। इस समारोह में 3००० अतिथि हिस्सा लेंगे और इसका सीधा प्रसारण किया जाएगा।