मोदी में सीधा सामना करने का साहस नहीं, इसलिये एजेंट से फेंकवाते हैं जूते: केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को हरियाणा के रोहतक में आयोजित रैली के दौरान उन पर हुए जूते हमले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया है। हंगामे के बीच गरजते हुए केजरीवाल ने कहा, ‘मैंने बार-बार कहा कि मोदी जी कायर हैं। आज (रविवार को) उनके कुछ समर्थकों ने मुझ पर जूता फेंका। मोदी में हम लोगों का सीधा सामना करने का साहस नहीं है। वह अपने एजेंट भेजते हैं।’
रैली को संबोधित करने के दौरान एक युवक ने आम आदमी पार्टी (आप) नेता की तरफ एक जूता फेंका। यह मंच के किनारे से टकराया और केजरीवाल से काफी दूर गिरा। वह उस समय नोटबंदी के खिलाफ बोल रहे थे।
आप कायकर्ता तुरंत हमलावर पर टूट पड़े, लेकिन केजरीवाल ने उसे छोड़ने का लगातार अनुरोध किया। बाद में केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘मोदी जी, हमलोग भी ऐसा कर सकते हैं, लेकिन हमारे सांस्कृतिक मूल्य यह करने की इजाजत नहीं देते हैं।’उन्होंने कहा, ‘मेरे एक मंत्री पर आपके सीबीआई छापे या जूता हमले के बावजूद मैं नोटबंदी घोटाला और सहारा-बिड़ला रिश्वत मामले के पीछे के सत्य को उजागर करना जारी रखूंगा।’
नोटबंदी को एक ‘बड़ा घोटाला’ बताते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को इसकी स्वतंत्र जांच कराने और इस पर एक श्वेत पत्र जारी करने की मांग की। आम आदमी पार्टी (आप) नेता ने यहां संवाददाताओं से यह भी कहा कि गत 8 नवम्बर को 86 प्रतिशत नोट अर्थव्यवस्था से वापस लेने के फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया भर में मजाक के एक पात्र बन गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘दुनिया भर में मोदी का मजाक उड़ना शुरू हो गया है। कम से कम (पूर्व प्रधानमंत्री) मनमोहन सिंह को दुनिया में सम्मान तो प्राप्त था।’केजरीवाल ने कहा, ‘नोटबंदी आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला है। पूरी कवायद राजनीतिक और भ्रष्टाचार द्वारा निर्देशित थी।’
आप नेता ने दावा किया कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कट्टर समर्थक भी मोदी के शनिवार के संबोधन से निराश हैं क्योंकि वह यह उल्लेख करने में विफल रहे कि लोग अपने बैंक खातों से कब तक इच्छानुरूप राशि निकालना फिर से शुरू कर सकते हैं।दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘नोटबंदी के मामले में एक स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। नोटबंदी के कथित लक्ष्यों और उसकी वास्तविक उपलब्धियों पर एक श्वेत पत्र भी जारी किया जाना चाहिए।’केजरीवाल ने कहा कि गत 8 नवम्बर के बाद औसत विकास दर और औद्योगिक एवं कृषि उत्पादन में हुई गिरावटों का श्वेत पत्र में विस्तृत उल्लेख होना चाहिए।