यमुना प्राधिकरण के पूर्व CEO पर लगा 126 करोड़ के घोटले का आरोप
यमुना विकास प्राधिकरण के पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता को मध्यप्रदेश के दतिया से गिरफ्तार किया गया है. पीसी गुप्ता पर 126 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप है, जिसको लेकर कासना थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है. यह मामला यमुना विकास प्राधिकरण में तैनात पुलिस निरीक्षक द्वारा दर्ज कराया गया था. एफआईआर के बाद आज पुलिस ने पीसी गुप्ता को गिरफ्तार किया है.
पीसी गुप्ता पर आरोप है कि यमुना विकास प्राधिकरण के तहत आने वाले मथुरा जिले के सात गांवों की जमीन को अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर कम दाम में खरीदा. इसके बाद उस जमीन को बाजार भाव से दोगुनी दर पर प्राधिकरण द्वारा अधिकृत किया गया.
प्राधिकरण को हुआ 126 करोड़ का नुकसान
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ अजय पाल ने बताया कि यमुना विकास प्राधिकरण में तैनात इंस्पेक्टर गजेंद्र सिंह ने थाना कासना में तीन जून को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, यमुना विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले जनपद मथुरा के सात गांव शिव पट्टी बांगर, शिव पट्टी खादर, कैलाना बांगर, कैलाना खादर, सोनपुर बांगर, नौझील बांगर आदि की 97 हेक्टेयर भूमि को फर्जी दस्तावेज के आधार पर खरीदा गया है. इसके बाद आवश्यकता नहीं होने के बावजूद इस जमीन का यमुना विकास प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहण किया गया. आरोप है कि इस सौदे में प्राधिकरण का 126 करोड़ का नुकसान हुआ.
एसएसपी ने बताया कि इस मामले में यमुना विकास प्राधिकरण के तत्कालीन सीईओ पीसी गुप्ता समेत 22 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है. एसएसपी ने बताया कि मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए चार टीमें बनाई गई है. आज एक टीम ने मध्य प्रदेश के जनपद दतिया से पीसी गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया.
दतिया के पीताम्बरा माता मंदिर से हुई गिरफ्तारी
पीसी गुप्ता को दतिया में पीताम्बरा माता मंदिर के बाहर से गिरफ्तार किया गया है. इस मंदिर की मान्यता है कि यहां जो भी मुराद मांगी जाती है वो पूरी होती है. पुलिस ने पीसी गुप्ता को मंदिर के दर्शन करने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया.