अद्धयात्म

यहां हिंदुआें के साथ मुस्लिम भी लेते हैं रामलीला में भाग

ram-1444200236दस्तक टाइम्स/एजेंसी : फैजाबाद। कहा जाता है कि हर धर्म का असल मकसद भार्इचारा आैर अमन है। इसी बात को पिछले कर्इ दशकों से सच साबित कर रहा है यहां का गांव मुमताज नगर। इस जगह को मशहूर कवि स्व. रफीक सादानी की कर्मभूमि होने का सौभाग्य प्राप्त है।

यह गांव साप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक माना जाता है। गांव में हर साल रामलीला का आयोजन किया जाता है। रामलीला का आयोजन कराने वाली समिति के अध्यक्ष डॉ. माजिद अली हैं। इनका परिवार पिछले पांच दशकों से रामलीला संबंधी कार्यों से जुड़ा है।

डाॅ. माजिद भी पिछले 35 वर्षों से कमेटी के अध्यक्ष हैं आैर उनकी देखरेख में रामलीला का आयोजन बहुत कुशलता से हो रहा है। ग्रामीणों के अनुसार, यहां रामलीला का प्रारंभ 50 साल पूर्व हिंदू तथा मुस्लिम समाज के लोगों ने मिलकर किया था।

उन लोगों में डाॅ. माजिद अली के पिता भी शामिल थे। रामलीला के आयोजन से पूर्व समाज के लोग मिलकर उसकी जरूरतों के बारे में बात करते हैं आैर फिर सामूहिक भागीदारी से रामलीला का शुभारंभ किया जाता है।

गौरतलब है कि इस अवधि में देश में कर्इ बार सांप्रदायिक तनाव की स्थिति होने के बावजूद यहां रामलीला का आयोजन नहीं रुका आैर यह सहजता से चलती रही।

इस संबंध में डाॅ. माजिद अली कहते हैं कि हमारी पूजन पद्घतियां अलग हो सकती हैं लेकिन परमात्मा तो एक है आैर सभी धर्मों का यही संदेश है।

इस रामलीला में रामायण के पात्रों के अभिनय में सिर्फ हिंदू ही नहीं बल्कि मुस्लिम भी भागीदारी निभाते हैं। उन्हें रामायण संबंधी कर्इ संवाद कंठस्थ हैं आैर वे उत्साहपूर्वक उसमें भाग लेते हैं।

इस गांव में जहां होली, दीपावली, जन्माष्टमी जैसे पर्वों में हिंदुआें के साथ मुस्लिम शरीक होते हैं, वहीं र्इद आैर अन्य मुस्लिम पर्वों में हिंदू भी भाग लेते हैं।

 

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