पर्यटन

यात्रा पर जा रहे हैं तो भूलकर भी ना पहने इस रंग के जूते

दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते हैं हिन्दू धर्म में वास्तु का विशेष महत्व होता हैं. वास्तु के हिसाब से चलने पर हमारी लाइफ में सबकुछ अच्छा ही होता हैं. ऐसा कहा जाता हैं कि एक अच्छा वास्तु आपकी लाइफ में पॉजिटिव एनर्जी फैलाने का काम करता हैं. वैसे तो अपने घर की चीजों को लेकर कई लोग वास्तु के नियमों का पालन करते हैं लेकिन जब बात घर के बाहर की आती हैं तो कई लोग इन्हें नज़रअंदाज़ कर देते हैं.

यात्रा पर जा रहे हैं तो भूलकर भी ना पहने इस रंग के जूते

इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज हम आपको एक ऐसा वास्तु नियम बताने जा रहे हैं जो यात्रा से सम्बंधित हैं. हम सभी अपने जीवन में समय समय पर घर से बाहर लम्बी यात्रा पर जाते रहते हैं. ऐसे में कई बार ये यात्रा कष्टदायक भी हो जाती हैं. कुछ मामलो में तो इस यात्रा में दुर्घटना भी हो जाती हैं. ऐसा आपके बुरे भाग्य की वजह से भी हो सकता हैं. ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे वास्तु नियमो से अवगत कराने जा रहे हैं जिनका ध्यान आपको किसी भी लम्बी यात्रा पर जाते समय रखना चाहिए.

यात्रा में भूलकर भी ना पहने इस रंग के जूते

जब भी आप यात्रा के लिए जाए तो सफ़ेद रंग के जूते पहन के ना निकले. ये बात सफ़ेद रंग की चप्पल या सैंडल पर भी अप्लाई होती हैं. दरअसल जैसा कि आप जानते हैं हिन्दू धर्म में सफ़ेद रंग को किसी के अंतिम संस्कार के समय पहना जाता हैं. ऐसे में जब आप इस सफ़ेद रंग के जूते या चप्पल पहन के यात्रा पर जाते हैं तो आपका दुर्भाग्य जल्दी आता हैं. इसकी वजह से आपको यात्रा में कष्ट होना, चोट लगना, सामान का चोरी होना या कोई दुर्घटना होना इत्यादि के चांस रहते हैं. इसलिए हमारी सलाह हैं कि आप यात्रा के दौरान भूलकर भी सफ़ेद रंग के जूते या चप्पल ना पहने.

यात्रा के अन्य वास्तु नियम

– यदि आप घर से यात्रा के लिए निकल रहे हैं और कोई छिक देता हैं तो थोड़ी देर बैठ जाइए. छिक को अपशगुन माना जाता हैं. ऐसे में किसी के छिकने पर भी यदि आप कुछ देर नहीं रुकते हैं तो आपके साथ यात्रा में कोई अनहोनी होने के चांस अधिक रहते हैं.

– जूते चप्पलों की तरह ही यात्रा के दौरान सफ़ेद रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए. सफ़ेद रंग किसी अनहोनी को चुम्बक की तरह अपने पास खीचता हैं. इसलिए इसे आप जितना कम पहने उतना ही अच्छा रहता हैं.

– यात्रा के लिए जाते समय रास्ते में यदि कोई गाय छिक दे तो फिर कुछ देर रुकने से भी कोई फायदा नहीं होता हैं. ऐसे में आपको यात्रा टाल देने में ही अपनी भलाई समझना चाहिए. गाय के द्वारा दी गई छींक को सबसे बाद अपशगुन माना जाता हैं.

– यात्रा पर जाने से पहले भगवान के सामने हाथ जोड़ माथा जरूर टेकना चाहिए. ऐसा करने से यदि आपके साथ कोई अनहोनी होती भी हैं तो भगवान आपको उस मुसीबत से बचा लेते हैं.

यदि आपको यात्रा से सम्बंधित ये नियम अच्छे लगे तो इसे अपने दोस्तों साथ भी शेयर करे ताकि वे भी सुरक्षित रह सके.

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