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यूके नागरिकता विवाद में दोहरे फंसे राहुल गांधी, हां कहे तो नागरिकता जाएगी, ना कहा तो केस

1_1448431629राजकोट। भाजपा नेता व पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने असहिष्णुता के हालिया घटनाक्रम पर कहा कि ‘भले ही सभी पुरस्कार वापस लौटा दें। कांग्रेस के समय में योग्य लोगों को दरकिनार करके अनेक गलत पुरस्कार दिए गए। ऐसे पुरस्कार लौटाने वाले ऐसा करके सच में तो सेवा ही कर रहे हैं।’
 
दोनों ही तरफ से फंस गए हैं राहुल:
यूके की नागरिकता के मुद्दे पर आरोपों को दोहराते हुए स्वामी ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को ‘बुद्दू’ करार दिया और कहा कि- इस मामले में कांग्रेस उपाध्यक्ष दोनों ही तरफ से फंस गए हैं। बकौल, स्वामी ‘मैंने जो दस्तावेज पेश किए हैं उन्हें ब्रिटिश सरकार द्वारा भी आधारवाला बताया गया है। इसी दौरान वहां की एथिक्स कमेटी द्वारा जांच चल रही है। मैं इंतजार कर रहा हूं कि एथिक्स कमेटी क्या कहती है।’
 
स्वानी ने कहा कि- राहुल की असली समस्या यह है कि वह यदि हां करते हैं तो भारतीय संविधान के आर्टिकल-9 के तहत उन्हें भारतीय नागरिकता से हाथ धोना पड़ेगा। संसद सदस्यता भी हाथ से चली जाएगी। इंकार करते हैं तो यहां एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) का केस बनता है। वजह, फॉरेन एक्सचेंज कंट्रीब्यूशन एक्ट के तहत फॉरेने एक्सचेंज का विवरण देना अनिवार्य है। इतना ही नहीं ट्रेडिंग की इजाजत के बिना कोई कंपनी शुरू नहीं कर सकता। ऐसे में भारी टेंशन में आए राहुल संतुलन खो बैठे हैं। इसमें कोई क्या करे ? मेरे लिए वह चमचा शब्द प्रयोग करते हैं। वह यदि कांग्रेस में नजर दौड़ाए तो पता चलेगा कि ये शब्द कांग्रेस में कितना कीमती है। इसमें ऊपर सभी ऐसे ही लोग बैठे हैं।’
 
देश के मुस्लिमों का भी हिंदू डीएनए:
उन्होंने देश में सांप्रदायिक तनाव की बात करने वालों को निशाने पर लिया। कहा कि- हमारी भावना अटूट हिंदू संस्कृति की है। हमारा ही एक मात्र धर्म ऐसा है जो कहता है कि तमाम धर्मों द्वारा ईश्वर प्राप्ति संभव है। ऐसे में ऐसे हिंदुत्व का सभी को स्वागत करना चाहिए। विशेष कर ये भारतीय मुस्लिम न भूलें कि उनके पूर्वज हिंदू ही थे। उनका (मुस्लिम) भी हिंदू डीएनए ही है।
 
वास्तविकता है, कालेधन पर मेरे सुझाव नहीं मानते जेटली:
केन्द्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटले के साथ कालेधन के मुद्दे पर विवाद होने की छवि के बीच स्वामी ने दावे के साथ कहा कि- ऐसा कोई विवाद नहीं है। बकौल स्वामी, ‘ पार्टी में लोकतंत्र है। ऐसे में किन राहों से विदेश में छुपाए गए कालेधन को वापस लाया जा सकता है? उन्हें लोगों के सामने उजागर करना मेरा अधिकार है। हालांकि सरकार इसमें मुख्यत: वित्तमंत्री जेटली ने मेरी बात नहीं मानी है, ये वास्तविकता है। मैं यदि यह कहता हूं तो गलत क्या है ? खैर, वैसे मैंने कभी नहीं कहा कि- जेटली बुरे हैं । मुझे उनके प्रति नफरत है।’

 

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