यूपी STF को बड़ी सफलता, सैन्य क्षेत्र से पकड़ा पाकिस्तानी ISI एजेंट
एसटीएफ ने थाना सदर बाजार पर केस दर्ज कराकर एजेंट पुलिस को सौंप दिया। एएसपी एसटीएफ शैलेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि विभिन्न माध्यमों से हमें आईएसआई के एजेंट के संबंध में जानकारी मिल रही थी।
शुक्रवार को सटीक सूचना पर सीओ एसटीएफ अनित कुमार के साथ कैंट स्टेशन के पास घेराबंदी कर आईएसआई एजेंट मोहम्मद इजाज उर्फ मोहम्मद कलाम पुत्र मोहम्मद इशहाक मूल निवासी तरामडी चौक इरफानाबाद, इस्लामाबाद पाकिस्तान को गिरफ्तार कर लिया गया। इजाज वर्तमान में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 457, दीवान खाना शाहाबाद बरेली में रह रहा था।
एएसपी ने बताया कि इजाज का पिता पाकिस्तान एग्रीकल्चर रिसर्च सेंटर में ड्राइवर था। वर्ष 2012 में इजाज का परिवार आईएसआई के संपर्क में आया था। आईएसआई ऑफिसर सलीम ने अपने संरक्षण में इजाज को प्रशिक्षित किया। जिसके बाद आईएसआई अधिकारियों ने उसे भारत भेजने के लिए तैयार किया। इजाज को भारत भेजने का विशेष मकसद वेस्ट यूपी और उत्तराखंड में सैन्य गतिविधियों और अहम दस्तावेजों की समय-समय पर सूचना लेना था।
इसी दौरान किसी दलाल के माध्यम से मोहम्मद कलाम के नाम पर शाहबाद बरेली के पते पर भारतीय पहचान वाला आधार कार्ड भी फर्जी तरीके से बनवा लिया। आईएसआई ऑफिसर सलीम ने इजाज को विशेष तौर पर वेस्ट यूपी और उत्तराखंड की सैन्य छावनियों, सैन्य यूनिटों के मूवमेंट, सैन्य दस्तावेजों और गतिविधियों की जानकारी भेजने की जिम्मेदारी दी थी।
आईएसआई को भेजा मिराज की इमरजेंसी लैंडिंग का वीडियो
इजाज ने बताया कि बीते दिनों नोएडा यमुना एक्सप्रेस-वे पर की गई मिराज की इमरजेंसी लैंडिंग का वीडियो उसने आईएसआई को भेजा था। इसके अलावा उसने बरेली कैंट में स्थित विभिन्न सैन्य इकाईयों से संबंधित जानकारी भी पाक एजेंसी को भेजी थी। साथ ही उसने बरेली एयरबेस और सुखोई-30 फाइटर जेट से संबंधित जानकारी, रायवाला हरिद्वार कैंट की एक यूनिट के मूवमेंट की जानकारी और पिथौरागढ़ स्थित माउंटेन ब्रिगेड से संबंधित जानकारी आईएसआई अधिकारियों को भेज चुका है। इस कार्य के बदले आईएसआई इजाज को अब तक 5.8 लाख रुपये का भुगतान कर चुकी है। पाकिस्तान स्थित उसके परिवार को हर महीने 50 हजार रुपये का भुगतान किया जाता है।
ये हुई बरामदगी
भारतीय सेना के गोपनीय दस्तावेज
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का एक एटीएम कार्ड
एजेंट के नादरा कार्ड की फोटो कॉपी (पाकिस्तानी पहचान पत्र)
एक मोबाइल फोन, एक सिम कार्ड (टाटा डोकोमो), एक लैपटॉप
एक पेन ड्राइव
पश्चिम बंगाल में बने फर्जी वोटर आईडी कार्ड की फोटो कॉपी
बरेली पते पर बना फर्जी आधार कार्ड
दिल्ली मेट्रो का ट्रेवलर कार्ड
भारतीय 463 रुपये, नेपाल का 10 रुपये का नोट, सऊदी रियाल का एक सिक्का
कराची से वाया ढाका भारत आया था
पूछताछ में इजाज ने बताया कि पाकिस्तानी पासपोर्ट पर उसे कराची से ढाका भेजा गया थ। जहां उसे प्रोबीन नाम के व्यक्ति ने उसका पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज ले लिए। प्रोबीन ने ही इजाज को नदी के रास्ते बांग्लादेश से भारत भेजा। 9 फरवरी 2013 को उसे मोहम्मद इरशाद निवासी मटिया बुर्ज साउथ 24 परगना पश्चिम बंगाल के घर पर छोड़ दिया गया था।
इरशाद और उसके लड़के अशफाक ने अपने एक रिश्तेदार जहांगीर निवासी कसाईपाड़ा कोलकाता के माध्यम से इजाज के जूनियर हाईस्कूल के फर्जी प्रमाणपत्र, फर्जी वोटर कार्ड, राशन कार्ड बनवाते हुए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का खाता खुलवा दिया। वहीं पर एजेंट इजाज ने रईस नाम के व्यक्ति के साथ फोटो और वीडियोग्राफी का काम किया था। जहां उसकी मुलाकात आसमां पुत्री शमशेर से कराई गई। अक्तूबर 2014 को दोनों का निकाह करा दिया गया। इसके बाद दो महीने तक इजाज आरा बिहार में रहा और फिर दिसंबर 2014 को अपने विशेष मिशन के तहत बरेली आ गया।
एसटीएफ सीओ अनित कुमार की पूछताछ में मोहम्मद इजाज ने बताया था कि वह आईएसआई के एसपी सलीम के निर्देश पर बरेली से मेरठ आया था। उसे मिलने वाले शख्स की पहचान नहीं बताई गई थी। उससे कहा गया था कि उक्त स्थान पर वह शख्स उसे खुद ही पहचान लेगा। उस शख्स से मिलकर इजाज ने सैन्य क्षेत्र के अहम दस्तावेज और गोपनीय नक्शे लिए थे और फिर वह कैंट स्टेशन जा रहा था। जहां उसे रास्ते में दोपहर करीब डेढ़ बजे दबोच लिया गया। वह शख्स कौन था और उसे किसके माध्यम से सेना के दस्तावेज मिले। क्या वह सेना का कोई भेदिया है, जो आईएसआई के लिए काम करते हुए देश की सुरक्षा में सेंध लगा रहा है। ऐसे बड़े सवालों का अफसर जवाब तलाश रहे हैं।
आसान नहीं ऐसी घुसपैठ
खुफिया एजेंसियों की मानें तो जो सैन्य दस्तावेज एवं नक्शे मोहम्मद इजाज के पास से मिले हैं। वह काफी महत्वपूर्ण हैं। ऐसे दस्तावेजों और नक्शों को हासिल करना आसान नहीं है। ऐसे में निश्चित तौर पर आईएसआई एजेंट ने सेना ने अपनी पैठ बना रखी है। उन्हीं के जरिए गोपनीय दस्तावेज पाक में बैठे आकाओं तक पहुंच रहे हैं।
कई अहम सूचनाएं पहुंचीं पाक
एसटीएफ अधिकारियों की मानें तो पूछताछ में इजाज ने खुलासा किया कि बीते एक साल में उसने वेस्ट यूपी और उत्तराखंड की छावनियों की कई अहम सूचनाएं पाक में बैठे आईएसआई अफसरों को उपलब्ध कराई। इजाज ने खुलासा कि उसने ऑपरेशन यूनिट के संबंध में दस्तावेज के अलावा कई छावनियों के नक्शों की जानकारी भी आईएसआई को दी हैं।
फेल साबित हुई एमआई
इजाज एक साल से बरेली में न सिर्फ रह रहा था, बल्कि वह विभिन्न छावनियों में घूमकर सैन्य गतिविधियों पर नजर रख रहा था। इस संबंध में वह मथुरा, बरेली, सहारनपुर, लैंसडाउन, रुड़की, रानीखेत समेत वेस्ट यूपी और उत्तराखंड की छावनियों का दौरा करता रहा, लेकिन सैन्य खुफिया एजेंसी पूरी तरह फेल रहीं। खुफिया एजेंसी को इजाज के संबंध में कोई जानकारी नहीं थी।
इजाज की गिरफ्तारी से सेना सतर्क
इजाज की गिरफ्तारी की सूचना मिलने के बाद पश्चिम यूपी सब एरिया मुख्यालय से लेकर सेंट्रल कमांड की खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गई। इजाज के संबंध में सूचनाएं और उससे मिले दस्तावेज के बारे में सेना में चर्चा रही।