यूपी के मऊ में मुस्लिम धर्मगुरु ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की उठाई मांग
यूपी के मऊ में शुक्रवार की रात हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई समाज के लोगों के बीच भाईचारे के लिए जमीयत उलमा की ओर से अदरी में राष्ट्रीय एकता सम्मेलन का आयोजन किया गया।
उन्होंने कहा कि मुट्ठी भर लोग जनता को लड़ा कर देश में सांप्रदायिकता का माहौल बना रहे हैं। ऐसे लोग धर्म के नाम पर लोगों को बांटते हैं। इससे सभी का नुकसान होता है। मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि जमीयत का इतिहास 150 साल पुराना है। देश को आजाद कराने में भी इसकी अहम भूमिका रही है।
उन्होंने देश की आजादी में मुसलमानों की कुर्बानियों पर कहा कि मुस्लिमों को अपना इतिहास नहीं पता है। आजादी से पहले हिंदू-मुसलमान मिलकर रहते थे, उस समय धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं था।
उन्होंने दादरी में मारे गए एखलाक अहमद का जिक्र करते हुए सरकार से मांग की कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसा नहीं करेगी, क्योंकि सरकार ऐसा कर देगी तो उसकी सियासत की दुकान बंद हो जाएगी।