यूपी के मुख्य सचिव के लिए स्कूल को बना दिया ‘फाइव स्टार होटल’
खास बात यह है कि मुख्य सचिव की खातिर में स्थानीय अफसर और आयोजकों को इतने ज्यादा मशगूल हो गए कि बाल श्रम कानून के उल्लंघन का अहसास तक नहीं हुआ। मुख्य सचिव की थाली में परोसे जाने वाले बैगन के भरते को तैयार कराने में नाबालिग (बच्चों) को भी लगा दिया गया। नाबालिगों ने भोजन व्यवस्था संबंधी अन्य कामों में भी हाथ बंटाया।
पड़ुई गांव में दाखिल होते ही बायीं तरफ जूनियर और प्राइमरी स्कूल भवन है। इनका लंबा-चौड़ा खुला परिसर है। इसी में मुख्य सचिव आलोक रंजन के रात्रि विश्राम और चौपाल का इंतजाम किया गया है। पूरा काटेज ऊपर से नीचे तक और दाएं-बाएं व अंदर तक चकाचक सफेद बनाया गया है। नीचे जमीन पर कारपेट बिछाकर उस पर सफेद चादर बिछाई गई। सामने ही दो सीटों का महाराजा सोफा था। कथित ‘व्हाइट हाउस’ के चारों तरफ हाईलोजन लाइटें लगाकर दमकती रोशनी की गई है।
मुख्य सचिव जिस कमरे में रहेंगे, उसे फाइव स्टार होटल जैसा संवारा गया है। हद तो तब हो गई जब बाथरूम तैयार करने के लिए भवन की एक दीवार तोड़कर दरवाजा लगाया गया। इस दरवाजे के जरिए कमरे को बाथरूम से अटैच कर दिया गया है। यह काम कई दिनों से चल रहा था।