लखनऊ: भर्ती बोर्ड की नियमावली के अनुसार भर्ती प्रक्रिया चार चरणों में पूरी होगी। आवेदन और परीक्षा के बाद दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा और फिर अंत में दौड़ कराने के बाद फाइनल रिजल्ट घोषित किया जाएगा। नियमावली के मुताबिक भर्ती के लिए जो अर्हताएं होंगी उसमें 1 जुलाई 2018 को अभ्यर्थी की आयु 18 साल से कम नहीं और 22 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए। अभ्यर्थी की शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल और इंटर पास हो या सरकार की ओर से उसके समकक्ष कोर्स पास करना होगा। आवेदन केवल आनलाइन होगा और एक से अधिक बार किया गया आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।नई नियमावली के तहत लिखित परीक्षा 300 अंक की होगी। इसमें सामान्य ज्ञान, सामान्य हिंदी, संख्यात्मक एवं मानसिक योग्यता, मानसिक अभिरूचि एवं तार्किक क्षमता का प्रश्न शामिल होगा। किसी सवाल का जवाब गलत देने पर माइनस मार्किंग की जाएगी। वहीं शारीरिक परीक्षा में पुरुषों को 25 मिनट में 4.8 किलोमीटर और महिला अभ्यर्थियों को 14 मिनट में 2.4 किलोमीटर की दौड़ पूरी करनी होगी। अरविंद कुमार ने बताया कि इसी वर्ष जनवरी में शुरू हुई 41520 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया भी 15 दिसंबर तक पूरी कर ली जाएंगी। हालांकि इस भर्ती प्रक्रिया के लिए जून में निरस्त हुई द्वितीय पाली की परीक्षा 25 और 26 को होनी है। उन्होंने बताया कि 18 और 19 जून को उक्त पदों के लिए हुई परीक्षा के दोनों दिन इलाहाबाद और एटा के एक-एक सेंटर पर गलती से दूसरी पाली का प्रश्नपत्र पहली पाली में खोल दिया गया था। जिसके बाद दोनों दिनों की द्वितीय पाली की परीक्षा को निरस्त कर दिया गया था। प्रमुख सचिव गृह ने बताया कि 25 अक्तूबर को एक पाली में दोपहर बाद तीन बजे से पांच बजे के मध्य और 26 अक्तूबर को दो पाली में 10 से 12 और 3 से 5 बजे के बीच परीक्षा कराई जाएगी। यह परीक्षा 16 जिलों के 482 केंद्रों पर आयोजित की जाएगी। हर पाली में 3.25 लाख अभ्यर्थियों के बैठने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्रों के बारे में तीन दिन पहले भर्ती बोर्ड की वेबसाइट के माध्यम से सूचित किया जाएगा। लिखित परीक्षा का परिणाम 1 दिसंबर को और चयन सूची (अंतिम परिणाम) 15 दिसंबर को घोषित होगा। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष जीपी शर्मा ने बताया कि परीक्षा केंद्रों पर मजिस्ट्रेट की तैनाती की जाएगी और कई स्तर की चेक लिस्ट तैयार की गई है। जनपद स्तर पर अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। इस संबंध में जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षक को ब्रीफ किया जा चुका है। इसके अलावा एसटीएफ को जिम्मेदारी दी गई है जो इससे जुड़े हर पहलू पर नजर रखेगी।