यूपी में किससे गठबंधन करेंगी मायावती, कांग्रेस या ओवैसी?
कांग्रेस यूपी के चुनावी महासमर में किसी दमदार साथी के साथ उतरना चाहती है। सूत्रों के मुताबिक इसी क्रम में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आजाद को बसपा से बातचीत के लिए अधिकृत किया है। उन्होंने मायावती से लंबी बातचीत की है।
बातचीत का दूसरा दौर इस माह के अंत में दिल्ली में हो सकता है। इस बीच बसपा और ओवैसी की पार्टी के बीच गठजोड़ की चर्चाएं भी तेज हैं लेकिन बसपा के सूत्र इस संभावना को भी खारिज कर रहे हैं। अभी पार्टी अकेले चुनाव लड़ने की रणनीति पर ही आगे बढ़ रही है।
पार्टी के प्रदेश प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री और प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री ने ब्लाक प्रमुखों के साथ संभावित उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा की है। पार्टी आलाकमान ने प्रदेश नेतृत्व को संगठनात्मक आधार मजबूत करने के निर्देश दिए हैं।
बसपा ने अपने जोनल कोआर्डिनेटर की संख्या बढ़ाकर जनाधार को मजबूत करने का प्रयास किया है। लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद भंग कर दी गईं भाईचारा कमेटियों का पुनर्गठन हुआ है। पार्टी ने दलित, मुस्लिम और ब्राह्मण के अपने पुराने समीकरण को फिर से बहाल करने के प्रयास तेज किए हैं।
मायावती ने प्रमुख कोआर्डिनेटर के पद मुस्लिम समाज को देकर भावी सियासत के संकेत दिए हैं। नसीमुद्दीन सिद्दकी के अलावा पूर्वांचल में मुमताज अली प्रमुख कोआर्डिनेटर की भूमिका में हैं।