यूरो कप फाइनल में फ्रांस का पुर्तगाल के खिलाफ पलड़ा भारी
पेरिस। जबर्दस्त फॉर्म में चल रहे मेजबान फ्रांस का रविवार को होने वाले यूरो कप फुटबॉल स्पर्धा के फाइनल में पुर्तगाल के खिलाफ पलड़ा भारी रहने की उम्मीद है। पुर्तगाल को यदि उलटफेर कर जीत दर्ज करना है तो स्टार फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो को चमत्कारिक प्रदर्शन करना होगा। पुर्तगाल पिछले 41 सालों में फ्रांस को हरा नहीं पाया है।
फर्नांडो सांतोस की पुर्तगाली टीम घरेलू टीम के खिलाफ हार के सिलसिले को तोड़ने को बेकरार होगी, लेकिन सेमीफाइनल में विश्व चैंपियन पर दर्ज की गई धमाकेदार जीत से फ्रांस के हौंसले बुलंद रहेंगे।
फ्रांस के एंटोनी ग्रिजमैन ने मार्सेले में सेमीफाइनल में जर्मनी के खिलाफ धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए दो गोल दागे थे। इसके चलते घरेलू टीम तीसरी बार यूरो कप खिताब जीतने के लिए बेकरार है। फ्रांस ने इससे पहले अपने घर में 1984 में यूरो कप और 1988 में विश्व कप जीता था।
फ्रांसिसी कोच डिडियर डैश्चैम्प्स ने कहा, फ्रांस में इस समय जबर्दस्त माहौल है। सभी टीम की जीत को लेकर आशान्वित है। हमारी टीम इस समय लय में है और यदि खिलाड़ियों ने सेमीफाइनल के समान प्रदर्शन किया तो टीम को जीतने से कोई नहीं रोक सकता है।
पुर्तगाल की उम्मीदें काफी हद तक रोनाल्डो पर निर्भर करेगी। रोनाल्डो सेमीफाइनल में लय में आए थे और कोच सांतोस उम्मीद करेंगे कि यह स्टार खिलाड़ी फाइनल में चमत्कारिक प्रदर्शन करेगा।
- यह किसी प्रमुख टूर्नामेंट में फ्रांस और पुर्तगाल की चौथी भिड़ंत होगी। इससे पहले तीनों बार फ्रांस विजयी रहा। उसने 1984 यूरो कप, 2000 यूरो कप और 2006 विश्व कप सेमीफाइनल में पुर्तगाल को हराया।
- इन दोनों टीमों के बीच 1975 के बाद 10 मैच हुए और फ्रांस ने ये सभी मुकाबले जीते।
- पुर्तगाल कोच फर्नांडो सांतोस के मार्गदर्शन में पिछले 13 मैचों से अपराजेय है।
- फ्रांस अपने घर में खेले गए प्रमुख टूर्नामेंट्स के पिछले 18 मैचों से अपराजेय बना हुआ है। उसने इनमें से 16 मैच जीते और 2 ड्रॉ रहे। उसे अंतिम बार अपने घरू मैदान पर हार जुलाई 1960 में यूरो कप चैंपियनशिप में चेकोस्लोवाकिया के हाथों मिली थी।
- फ्रांसिसी मैनेजर डैश्चैम्प्स खिलाड़ी के तौर पर 1998 विश्व कप और 2000 यूरो कप खिताब जीत चुके हैं। अब वे मैनेजर के रूप में यह खिताब जीतने के करीब है।
- पुर्तगाल 2004 यूरो कप फाइनल में पहुंचा था, लेकिन उसे अपने घर में यूनान के हाथों 0-1 से हार का सामना करना पड़ा था।