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ये 5 महान क्रिकेटर जो 2018 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को कह सकते हैं अलविदा

भारत की तरफ़ से युवराज, गंभीर और भज्जी के लिए साल 2018 संन्यास का साल हो सकता है 2017 दुनिया भर में कई उभरते क्रिकेटरों के लिए एक नई रोशनी और सफलता लेकर आया और यह कई युवा खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उभर कर सामने आये। जोश से भरे नये खिलाड़ियों को देख कर हमेशा सभी बेहद खुश होते हैं, लेकिन यह अवसर कुछ अनुभवी दिग्गजों के लिए एक अंत की शुरुआत भी करता है। पिछला साल भी कोई भिन्न नहीं रहा और इस नए साल में इन दिग्गज खिलाड़ियों के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की संभावना है:

ये 5 महान क्रिकेटर जो 2018 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को कह सकते हैं अलविदा

 

  हरभजन सिंह: (भारत)

पंजाब का यह ऑफ स्पिनर पिछले एक दशक में भारत की टीम के मुख्य सदस्य और एक मैच विजेता गेंदबाज़ थे। हरभजन, अनिल कुंबले के साथ-साथ कुंबले के संन्यास के बाद भी भारत के लिए कई मशहूर जीतों के निर्माता रहे हैं। लेकिन आर अश्विन और रविंद्र जडेजा के आगमन के बाद पिछले 2-3 सालों में उनका सभी प्रारूपों में टीम से स्थान चला गया है।

ऐसे में जब अब कुलदीप यादव और युज़वेंद्र चहल उभरने लगे हैं, तो हरभजन की राष्ट्रीय टीम में वापसी की संभावनाएं बेहद कम हो जाती हैं। हरभजन मुंबई इंडियंस के लिए आईपीएल में अभी भी अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं, लेकिन भारतीय टीम में शायद उनके लिए वापसी होती नही दिखती है और यह ‘टर्बनेटर’ 2018 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दे तो हैरानी नहीं होगी।

गौतम गंभीर: (भारत)

न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ 2016 के मुकाबलों में राष्ट्रीय टीम की वापसी का एक दुर्लभ मौका मिलने के बाद गौतम गंभीर अब तक राष्ट्रीय टीम में शामिल नहीं हो पाये हैं। चयनकर्ताओं द्वारा गंभीर के पक्ष में विचार करने की संभावना नहीं है क्योंकि वर्तमान में टीम के ओपनर अच्छा प्रदर्शन करते आये हैं। दिल्ली के इस अनुभवी सलामी बल्लेबाज के लिए इस साल रणजी ट्राफी का सत्र शानदार रहा था, और एमएसके प्रसाद के नेतृत्व वाली चयन समिति ने उन्हें अभी भी नजरअंदाज किया है। ऐसे में जबकि वह अब 36 साल से अधिक हो चुके हैं, उनकी ओर से संन्यास का फैसला कभी भी आ सकता है।

डेल स्टेन: (दक्षिण अफ़्रीका)

डेल स्टेन एक और महान खिलाड़ी हैं जो हाल के दिनों में चोटों से जूझ रहे हैं, लेकिन अपनी पीढ़ी के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाज के रूप में उन्हें हमेशा जाना जायेगा। 417 टेस्ट विकेटों का उनका रिकॉर्ड साल में उनकी क्षमता और प्रदर्शन की एक कसौटी है, और लंबे समय से चोट लगने के बाद, स्टेन भारत के खिलाफ अपनी घरेलू सीरीज के लिए दक्षिण अफ्रीका की टीम में थे। हेराथ की तरह, अगर स्टेन चोटों के साथ संघर्ष करना जारी रखते हैं या अगर वह जल्द ही अपना सर्वश्रेष्ठ फॉर्म नहीं खोज पाते हैं, तो 2018 में उनके अंतरराष्ट्रीय करियर पर विराम लग सकता है।

रंगना हेराथ: (श्रीलंका)

श्रीलंका के बाएं हाथ के इस अनुभवी स्पिनर ने पहले से ही सीमित ओवरों के क्रिकेट से संन्यास ले लिया है, लेकिन अब भी वह अपने देश के लिए टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। मुथैया मुरलीधरन के संन्यास के बाद हेराथ श्रीलंका के एकमात्र असली मैच विजेता रहे हैं। खेल के लिए हेराथ की भूख और जुनून लावाब है, पर इस पर भी विचार करना चाहिए कि वह इस साल मार्च में 40 साल के हो जायेंगे और पिछले एक साल में उनके प्रदर्शन के स्तर में गिरावट आई है, जहां वह विशेष रूप से भारतीय बल्लेबाजी क्रम के खिलाफ संघर्ष कर रहे थे। ऐसे में जब सबकी नज़रें अगले वर्ष होने वाले विश्व कप पर होंगी, 2018 में एकदिवसीय प्रारूप की ओर सभी का ज्यादा ध्यान केंद्रित होगा, और पूरी संभावना है कि हेराथ सभी प्रकार के क्रिकेट प्रारूपों को अलविदा कह सकते है।

युवराज सिंह: (भारत)
भारतीय क्रिकेट के एक और दिग्गज, जो पिछले कुछ साल के दौरान फार्म, चोट और फिटनेस संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। युवराज सिंह ने 2017 की सनसनीखेज शुरुआत की थी, जब उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ शानदार शतक लगाया और पुराने युवराज की वापसी की उम्मीद जगाई थी। वह जुलाई में वेस्टइंडीज में भारत के चैंपियंस ट्रॉफी अभियान और इसके ठीक बाद वेस्टइंडीज में सीमित-ओवर श्रृंखला का भी एक हिस्सा थे, लेकिन उसके बाद से चयनकर्ताओं ने उन्हें अनदेखा कर दिया है। उनके बाहर होने का एक प्रमुख कारण ‘यो-यो’ टेस्ट को पास करने में असमर्थता रही है, जो किसी भी भारतीय टीम में चयन के लिए एक खिलाड़ी के लिए अब अनिवार्य हो गया है। हालांकि 2017 के आख़िर में युवी यो-यो टेस्ट को पास करने में क़ामयाब ज़रूर रहे। 2019 के विश्व कप आने में कुछ समय ही रहने के चलते और ऐसे में जब चयनकर्ताओं ने अब मनीष पांडे, दिनेश कार्तिक और श्रेयस अय्यर को भारतीय एकदिवसीय टीम में नंबर 4 स्लॉट्स के लिए देखना शुरू कर दिया है, युवराज शायद दोबारा वापसी न कर सकें और 2018 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह सकते हैं।

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