जी हाँ हमारे पडोसी देश नेपाल की खूबसूरती के पुरे विश्व में चर्चे होते है और यह खूबसूरती कोई मानव निर्मित नहीं बल्कि परंपरा और प्रकृति का बेजोड़ मेल है जो हर किसी का मन मोह लेती है साथ ही इसे चारो और से घेरे हुए हिमालय इसकी खूबसूरती में चार चाँद लगा देता है साथ ही हम आपको यह भी बता दे की नेपाल का सबसे ज्यादा प्रसिद्ध तथा 2000 साल से ज्यादा पुराना शहर काठमांडू दुनिया के पहले 10 लोकप्रिय शहरों में शुमार है। काठमांडू का नाम “कस्थ-मंडप’ शब्द, यानी लकड़ी के घर से पड़ा है। इस जगह को पुराने समय की कहानियों में शगरीला-ला भी कहा गया है। साथ ही मांउट एवरेस्ट दुनिया की दस सबसे ऊंची चोटियों में से आठ नेपाल में हैं। अप्रैल में आए भूकंप के बाद अब नेपाल को पुन: सुरक्षित घोषित कर दिया गया है। टूरिज्म नेपाल की इकोनॉमी का एक अहम हिस्सा है, इसलिए यहां पर्यटकों की सुरक्षा को गंभीरता से लिया जाता है।यदि आप नेपाल घूमने जा रहे है तो यहां जरूर जाएं
ललितपुर, पाटन और भक्तपुर, तीनों को जोड़कर बनती है काठमांडू घाटी। इसे यूनेस्को ने विश्व विरासत स्मारक घोषित किया है। कीर्तिपुर इस घाटी का सबसे पुराना बसा शहर है। यहां सिर्फ 15 किमी के क्षेत्र में सात विश्व विरासत स्थल देखे जा सकते हैं। यहां के बौद्ध मंदिर और चोटी पर बना विशाल स्तूप देखते ही बनता है। इस चोटी से पूरा काठमांडू दिखाई देता है।
पशुपतिनाथ मंदिर
यह भगवान शिव या पशुपतिनाथ का प्रसिद्ध मंदिर है जो बहुत लोकप्रिय है। यह बागमती नदी के किनारे बना हुआ है। यह भी एक विश्व विरासत स्मारक है। यहां बहुत से पर्यटक पहुंचते हैं।दरबार चौंक
माना जाता है कि नेपाल के राजाओं का राज्याभिषेक यहीं होता था। इस चौंक पर अनेक महल और मंदिर हैं। इनमें सबसे पुराना है जलेजू मंदिर जो परंपरागत नेवारी तरीके से बना हुआ है। तीन छतों वाली पिरामिड जैसी इमारत पर बना यह मंदिर देखने लायक है।
थमेल चौक
यहां का थमेल चौंक पर्यटकों का केंद्र है। यहां रहने, खाने-पीने और शापिंग के अनेक स्थान हैं।
मांउट एवरेस्ट
आप इस चोटी के पहले पड़ाव तक जा सकते हैं, परन्तु उसके लिए आपको पहले से तैयारी करनी होगी। एवरेस्ट की चोटी और इस शृंखला की अनेक चोटियों को आप एक घंटे की हवाई उड़ान से भी देख सकते हैं। आप नागारकोट, शिवपुरी और लैंगटोंग नेशनल पार्क में भी पर्वतारोहण का आनंद उठा सकते हैं। यहां कैसे पहुंचें
काठमांडू के त्रिभुवन एयरपोर्ट पर सभी देशों से नियमित उड़ानें अवेलेबल हैं। भारत से आप लखनऊ, बनारस और गोरखपुर से बस लेकर भी नेपाल पहुंच सकते हैं। काठमांडू शहर को देखने का मजा पैदल चलकर देखने में ही है।