ये महिला अकेले बारह सालों से चलाती आ रही है होटल, पैसों के बिना कोई मोह से लोगों को प्यार से खिलाती है खाना
आजकल की दुनिया में एक तरफ लोग हर काम सिर्फ और सिर्फ पैसा कमाने के लिए करते हैं वहीँ दूसरी तरफ आज भी ऐसे लोग मौजूद हैं जिनके लिए पैसा कोई प्रायोरिटी नहीं है. जी हाँ आज हम आपको एक ऐसी महिला की खानी बताने जा रहे हैं जो पिछले बारह से खुद अकेले एक होटल चला रही. रोज सारा खाना खुद ही बनाती है जब लोग इसके होटल में खाना खाते आते हैं तो इस महिला की पैसे की भी कोई मांग नहीं रहती इनका साफ़ कहना होता है की जितने मन करे उतने पैसे दे दो. सच में आजकल के जमाने में भी ऐसे लोग होते हैं ये बात बेशक आपके लिए भी हैरान करने वाली होगी. आईये आपको बताते हैं की आखिर क्या है ये पूरा मामला और क्या है इस महिला की पूरी कहानी.
आपको बता दें की आज हम जिस महिला के बारे में आपको बताने जा रहे हैं वो असल में केरल की रहने वाली एक बुजुर्ग महिला यशोदाममा हैं. जी हाँ 61 साल की ये बुजुर्ग महिला पिछले 12 सालों से केरला के कोलम रेलवे स्टेशन से करीबन 25 किलोमीटर की दूरी पर अकेले ही पिछले बारह सालों से खुद का होटल चला रही हैं. बता दें की यशोदाममा के इस होटल में वो अकेली ही रोज करीबन 50 लोगों का खाना बनाती हैं और इसके अलावा उनके इस होटल में ना तो कोई कैश काउंटर है और ना ही उनका कोई हेल्पर है. यहाँ खाना बनाने से लेकर खाना परोसने तक का सारा काम ये बुजुर्ग महिला अकेले ही करती हैं. सबसे बड़ी बात तो ये है की यहाँ आकर खाना खाने वालों पर किसी तरह की कोई पाबन्दी नहीं हैकि उन्हें खाना खाने के बाद एक निश्चित पैसा ही देना होगा. यशोदाममा के अनुसार लोगों को खाना जितना पसंद आये वो उतने ही पैसे दें, यहीं नहीं उनका ये भी कहना है की अगर वो अमीर होती है तो लोगों को एक टाइम का खाना खिलाने का कभी भी कोई पैसा नहीं लेती.
आपको जानकर हैरानी होगी की यशोदाममा नाम की ये महिला पिछले बारह से अकेले ही ये होटल चला रही हैं. सूत्रों की माने तो इस महिला के पति की मौत आज से बारह साल पहले ही होगयी थी और इसके बाद उनके पास कहें आने जाने का कोई आसरा नहीं था. चुकी यशोदाममा के पति एक स्कूल टीचर थे इसलिए उनकी मौत के बाद उनके स्टूडेंट्स ने ही यशोदाममा को ये होटल चलाने का आईडिया दिया था और तब से आज तक ये महिला खुद अकेले ये होटल चला रही है.
Food at Sharda restaurant in Bambolim
आपको बता दें की यशोदाममा के होटल में रोज वो 50 लोगों के लिए फिश करी, फ्राइड फिश, चावल, थोरम, अचार, चमंती और तापिओका आदि बनाती हैं. इनके होटल में एक बार में सिर्फ दस लोग ही बैठ कर खाना खा सकते हैं इसके वाबजूद भी इनके यहाँ खाना खाने वालों की भीड़ जमा रहती है. यहाँ आकर खाना खाने वालों का भी कहना है की यशोदाममा के हाथों का खाना इतना स्वादिष्ट होता है की वो लोग मिलो दूर से रोज उनका खाना खाने आते हैं. यहाँ वाले सभी लोगों को खाना मिलता है कोई यहाँ से कभी भूखा नहीं गया है.