ये है भगवान शिव का सबसे प्रिय फल, दूर होती हैं 100 से ज्यादा मर्ज
लेकिन क्या आप जानते है की यह पूजनीय होने के साथ साथ स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभकारी होता है। इसका प्रयोग बहुत सी आयुर्वेदिक औषधियां बनाने के लिए किया जाता है। आयुर्वेद में इसे विष वर्ग में रखा गया है। अगर इसकी बहुत कम मात्रा का इस्तेमाल किया जाए तो यह शरीर के विभिन्न रोगों को ठीक करने की क्षमता रखता है।आइए जानें यह हमारे लिए कैसे फायदेमंद हो सकता है।
गंजापन दूर भगाएं
जिन महिलाओं के बाल झड़ चुके हैं जिसके कारण वह हल्के गंजेपन का शिकार हो गई हैं उनके लिए धतूरे के बीज बहुत फायदेमंद होते हैं। जी हां धतूरे के तेल निकाल कर गंजेपन वाले हिस्से पर लगाने पर कुछ ही दिनों में उस जगह बाल उगने शुरू हो जाते हैं।
झड़ते बाल और रूसी की समस्या:
अगर आप बालों के झड़ने या फिर बालों में रूसी की समस्या से परेशान है तो इसके लिए धतूरे के फल का रस बालों में कुछ देर तक लगाकर छोड़ दीजिए उसके पश्चात बालों को धो लीजिए। अगर आप कुछ दिनों तक ऐसा करती हैं तो इससे आपके बाल मजबूत हो जाएंगे और इसके साथ ही रूसी की भी समस्या दूर हो जाएगी। तो देर किस बात की आज से ही बालों की समस्या से बचने के लिए धतूरे का इस्तेमाल करें।
अर्थराइटिस के दर्द से बचाएं:
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि धतूरा अर्थराइटिस से परेशान महिलाओं के लिए किसी रामबाण की तरह है। दर्द होने पर धतूरे के फल का रस निकालकर उसको तिल के तेल में पका लीजिए जब तेल रह जाए तो इस तेल से मालिश कीजिए जोड़ो और दर्द वाले हिस्से पर अच्छे से मालिश करने के पश्चात धतूरे का पत्ता बांध लीजिए इससे अर्थराइटिस की समस्या ठीक हो जाती है।
मिर्गी का इलाज:
मिर्गी की समस्या होने पर अक्सर लोग मिर्गी शांत करने के लिए जूता सूंघने लगते हैं। लेकिन क्या आप जानती हैं कि धतूरे की जड़ को सूंघने से मिर्गी शांत हो जाती है।
घाव भरें:
अगर आप धतूरे के पत्तों का कल्क बनाकर संक्रमित घाव पर लगाते हैं और उसकी पट्टी बांधते हैं तो इससे आपका घाव बहुत ही जल्दी भर जाता है। तो अगली बार जब भी घाव हो तो इसपर धतूरे से इलाज करें।
सूजन :
अगर शरीर के किसी हिस्से में सूजन हो जाए तो धतूरे के पत्तों को हल्का गुनगना करके सूजन वाले स्थान पर बांध लें। इसके अतिरिक्त आप अन्य उपाय का भी प्रयोग कर सकते है। इसके लिए इसके फल, फूल, पत्ते, त्वक, कांड यानि पंचांग का रस निकालकर तिल के तेल में पका लें। जब केवल तेल बचें तो इसे अलग रख लें। और इसका इस्तेमाल जोड़ों में करें और पत्तों को बांध लें।
सावधानियां :
माना धतूरे में बहुत से लाभकारी औषधिये गुण पाए जाते है लेकिन यह बात भी सच है की यह एक विष है और इसका अधिक सेवन करना आपके लिए मुसीबत की वजह बन सकता है। इसलिए हमने आपको सिर्फ इसके बाहरी उपयोग के बारे में ही बताया है।