ये हैं प्रैग्नेंसी को रोकने के देसी तरीके, जो आपको जरुर पता होना चाहिए
बढ़ती जनसंख्या पर काबू पाने के लिए लोगों का जागरूक होना बहुत ही जरूरी है। देश के हर नागरिक को सेफ सैक्स और गर्भनिरोधक की उपयोगिता के बारे में पता होना चाहिए। अभी बहुत सारे लोग ऐसे हैं, जिन्हें इनके बारे में कोई जानकारी नहीं है जबकि उन्हें यह बात अच्छी तरह पता होनी चाहिए कि छोटा परिवार सुखी परिवार। आज हम आपको गर्भनिरोधक के बारे में और इसके अपनाने के तरीकों के बारे में बताएंगे….
1. कंडोम :- यह तरीका सबसे आसान गर्भनिरोधक होता है। इसका इस्तेमाल आदमी को करना होता है। संबंधों के दौरान पुरुष को लिंग पर रबर के बने इस आवरण को चढ़ाना होता है ताकि स्खलन होने के बाद, स्पर्म, महिला के शरीर में न पहुंच पाएं।
2. कॉपर टी :- कॉपर टी का इस्तेमाल महिलाएं करती हैं। महिला के गर्भाशय में इसे फिट किया जाता है ताकि वह प्रैग्नेंट न हो। ज्यादातर महिलाएं दो बच्चों के बीच अंतर रखने के लिए इसका विशेष रूप से इस्तेमाल करते हैं, जब उन्हें दूसरा बच्चा चाहिए होता तब एक मैडीकल प्रक्रिया से इसे निकाल दिया जाता है।
3. इंट्रा-वैजिनल वोलस :- एक प्रकार की बड़ी टेबलेट होती है,जिसे वेजिना में मैनुअली घुसा दिया जाता है। यह महिलाओं के लिए काफी प्रभावी गर्भनिरोधक होता है। इसे सेक्स करने से 20 से 30 मिनट पहले ही वेजिना में डालना होता है जो पिघल जाता है और एक क्रीम के रूप में बदल जाता है। इंटरकोर्स के दौरान, स्पर्म के अंदर जाने पर यह क्रीम, स्पर्म की क्षमता को खत्म कर देता है।
4. गर्भनिरोधक गोलियां :- बाजार में कई प्रकार की गर्भनिरोधक गोलियां आती हैं, जिनका सेवन करने से महिलाएं गर्भधारण नहीं करती हैं। इन गोलियों को खाने से ह्रामोन में बदलाव आता हैं, जिससे गर्भ नहीं ठहरता।
5. डीएमपीए इंजैक्शन :- डिपॉट मेड्रॉक्सीप्रोजेस्टीरॉन एक्सीटेट या डीएमपीए इंजैक्शन, इंजेक्ट करने वाला गर्भनिरोधक होता है इसे लगाने से प्रोजेस्ट्रॉन नाम का हारमोन बढ़ जाता है, जिससे महिला गर्भधारण नहीं कर पाती है। इस इंजेक्शन को बांह में ऊपर की ओर लगाया जाता है। दो बच्चों के बीच अंतर रखने के लिए पहले बच्चे के बाद ही इस इंजेक्शन को सामान्यत: लगाया जाता है। इसका प्रभाव 3 महीने तक रहता है। यह इंजैक्शन स्तनपान वाली महिलाओं के लिए सेफ है।
6. इमरजेंसी गर्भनिरोधक: संबंध बनाने के कुछ देर बाद ही इमरजेंसी गर्भनिरोधक का इस्तेमाल किया जाता है। इन्हे सैक्स करने के कुछ ही घंटों के भीतर खाना होता है ताकि स्पर्म भ्रूण का निर्माण न कर पाएं।
7. वेसेक्टटॉमी: यह गर्भनिरोध का तरीका, पुरूषों के लिए होता है जिसे नसबंदी भी कहा जाता है। इसमें पुरूष के स्पर्म को रोकने के लिए छोटा सा ऑपरेशन कर दिया जाता है। खास बात यह है कि पुरुष की क्षमता पर इसका कोई असर नहीं पड़ता।
8. ट्यूबल लिगेशन: यह स्थाई गर्भनिरोध होता है, जिसमें फेलोपियन ट्यूब को काटकर बांध दिया जाता है, जिससे अंडा, गर्भाशय तक नहीं पहुंच पाता है और गर्भधारण करने के चांस शून्य हो जाते हैं। जिन महिलाओं को बच्चे हो चुके होते हैं या अब उन्हे संतान नहीं चाहिए होती है, वे इसे करवा लेती हैं, यह भी एक प्रकार की नसबंदी होती है।