योगी ने PM मोदी के सपने को किया साकार: अयोध्या में जल्द बनेगा रामायण म्यूजियम
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आते ही अयोध्या में राम नाम की गूंज फिर तेज हो गई है। कई लम्बित पड़े प्राजेक्ट्स पर या तो काम शुरू हो गया है या फिर बातचीत। भाजपा के लिए एक ऐसा ही प्रतिष्ठित प्रोजेक्ट है रामायण म्यूजियम और रामायण सर्किट बनाने का, जिसे योगी ने सत्ता में आते ही हरी झंडी दे दी है।
अभी-अभी : लंदन में PM मोदी और CM योगी की रची जा रही हत्या की साजिश!
13 मई से शुरू हो जायेगा तीसरा सबसे बड़ा विश्व युद्ध
अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की मदद से तैयार होगा रामायण म्यूजियम
केंद्र की मोदी सरकार का अयोध्या में museum बनाने का सपना जल्द ही साकार होने जा रहा है। केंद्र सरकार के दस्तावेजों में वो पूरा प्लान कैद है, जो रामायण संग्रहालय की सूरत और स्वरूप कैसा होगा ये बताता है। इस मॉडल को अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की मदद से तैयार किया गया है।
एक अगस्त को मिलेगी 7वें वेतनमान की पहली सैलरी, बेसिक इतनी हुई वृद्धि
ऐसा होगा अयोध्या में रामायण म्यूज़ियम
25 ऐकड़ में बनने वाला ये संग्रहालय लगभग 154 करोड़ की लागत से बनेगा। यह सरयू नदी के तट पर होगा। खास बात यह है कि संग्रहालय विवादित राम जन्मभूमि मंदिर से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर होगा।
खुशखबरी : रिलायंस जियो दे रहा है 810GB डाटा, बस लेना होगा…
दीवाली के दिन रखी जाएगी नींव
अभी तक के प्लान के मुताबिक सरकार चाहती है कि जिस तरह दिवाली के दिन राम 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे, उसी तरह 15 साल तक यूपी में सत्ता से अलग रही भाजपा भी सत्ता में लौटी। इसलिए इस संग्रहालय की नींव दीवाली की शाम को रखी जाए।
अक्षरधाम के तर्ज पर बनेगा म्यूजियम
मॉरिशस के वर्ल्ड रामायण म्यूजियम से हुबहू मिलता जुलता भारतीय रामायण म्यूज़ियम को अक्षरधाम की तर्ज पर बनाया जाएगा। इसमें भगवान राम के जीवन से जुड़ी सभी प्रमुख कथाओं का अंकन और चित्रण होगा। वहीं, लोग ऑडियो-विजुअल मोड से भी रामकथा और राम के जीवन दर्शन से रू-ब-रू हो सकेंगे। इसमें लेजर शो, वॉटर स्क्रीन प्रोजेक्शन जैसे आकर्षण भी होंगे।
मुख्य भवन
संग्रहालय में घुसते ही सबसे पहले मुख्य भवन होगा, जिसमें सबसे पहले भगवान राम का दरबार होगा। पीछे हल्की आवाज में राम के भजन या संगीत सुनाई देगा। दीवारों पर राम के अलग-अलग प्रसंग दिखाए जाएंगे।
राम मंदिर का अनुभव
दूसरे हाल में दीवारों पर चारो ओर बड़ी-बड़ी स्क्रीन होगी, जिन पर प्रोजेक्टर से श्री राम के जीवन को डिजिटल 3D ध्वनि के साथ दिखाया जाएगा, जिससे दर्शकों को ऐसा लगेगा कि सब कुछ उनके सामने घटित हो रहा है, जैसा कि स्टोन हेंज england, चीन की दीवार और विज्ञान संग्रहालय मुंबई में है।
राम से जुड़े अवशेष
देश और विदेश से अब तक मिले उन तमाम अवशेषों को यहां रखा जाएगा, जो रामायण काल की याद दिलाते हों। अयोध्या में खुदाई से मिले अवशेष और पत्थर भी रखे जाएंगे।
विदेशों में राम कथा
बड़ी स्क्रीन पर म्यांमार, thailand और indonesia में हुई राम कथा दिखाई जाएगी। साथ ही म्यूजिकल रामायण का भी मंचन होगा।
हर भाषा की रामायण पर लाइब्रेरी
एक कमरे में रामायण पर पूरी सामग्री होगी। इसमें गोस्वामी तुलसीदास की बड़ी प्रतिमा होगी और दीवारों पर उनकी जीवनी पर बने चित्र। साथ ही रामचरित मानस के साथ बाल्मीकि रामायण और अन्य सभी रामायण की कॉपी और ई-लाइब्रेरी भी होगी। लाइब्रेरी में पूरे भारत से संजोई गई हस्त रामायण भी रखी जाएगी।
राम पर शोध करने वाले लोगों के लिए रहने और खाने की सुविधा होगी।
प्रवचन केंद्र
देश विदेश के संत रोजाना सुबह शाम प्रवचन करेंगे। यज्ञशाला में सुबह शाम यज्ञ होगा।
365 दिन लोग देख सकेंगे रामलीला
रामायण म्यूजियम में 250 से ज्यादा भाषाओं में रामलीला का रोजाना मंचन होगा और राम से जुड़े हर त्योहार को मनाया जाएगा। इस म्यूज़ियम के अलावा मोदी सरकार के उत्तर प्रदेश को आध्यात्मिक हब बनाने की योजना में रामायण सर्किट, कृष्ण सर्किट और बुद्ध सर्किट का केंद्र भी यूपी है। बुद्ध सर्किट का केन्द्र गोरखपुर है, जोकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह जिला है। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी बुद्ध सर्किट योजना का केंद्र बिन्दु गोरखपुर ही होगा। सीएम का यह संसदीय क्षेत्र नाथ संप्रदाय के संस्थापक गुरु गोरक्षनाथ की तपोस्थली व कर्मस्थली रही है। योगी के सीएम बनने के बाद अब योजनाओं का रुख इधर होना तय है। गौतम बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर यहां से 50 किमी की ही दूरी पर है। साथ ही बुद्ध से जुड़े अन्य स्थान भी गोरखपुर की सीमा से जुड़े हैं. इसलिए बुद्ध सर्किट के विकास के दौरान गोरखपुर को सेंटर बनाया जाएगा।