रत्न-विज्ञान: नीलम धारण करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान वरना…
ज्योतिष विद्या में अन्य पूजा अनुष्ठान के अतिरिक्त रत्नों का अहम भूमिका है, लेकिन ज्योतिष में आपकी कुंडली के अनुसार आपको उचित रत्न धारण करवाया जाए और सही रत्न आपको मिल जाए यह भी बहुत जरुरी है। आइए आज बात करते हैं खूबसूरत रत्न नीलम की….
नीलम ज्यादातर चर्चा में रहता है कि इसे धारण करते ही यह तुरंत ऐसा देगा या वैसा कर देगा। या तो अचानक धनवान बना देगा या फिर दरिद्र बना देगा। इस प्रकार की बहुत सारी भ्रांति है नीलम के बारे में। लेकिन सच तो यह है कि ऐसा कुछ नहीं होता है। कोई भी रत्न कुंडली द्वारा ही निर्धारित होता है। सही निर्धारण के बावजूद भी अगर आपको सही परिणाम नहीं मिलते हैं तो इसकी कई वजह होती है।
नीलम धारण करने के पश्चात प्रत्येक शनिवार और शनि नक्षत्रों में अन्न दान जरूर करें।
शनिवार के दिन मदिरा-तामसिक भोजन का त्याग करें ।
विकलांग लोगों के प्रति सेवा भाव रखें।
घर के वृद्ध लोगों के प्रति आदरपूर्ण व्यवहार रखें।
प्रत्येक माह में शुक्ल पक्ष के दूसरे शनिवार को रत्न को दूध, घी, गंगाजल, तिल और मिश्री मिले जल से अभिसिंचित करें।
रत्न का शम्मी के लकड़ी से 108 बार ” ॐ शन्नोदेवीरभिष्ट्यः आपोभवन्तुपीतये शंय्योरभिस्रवन्तुनः “मंत्र के उचारण के अभिषेक कीजिए। इससे रत्न जागृत होगा और सकारत्मक ऊर्जा प्रदान करेगा।
नीलम धारण करने के पश्चात किसी को कोई झूठा आश्वासन न दीजिए नहीं तो दुष्परिणाम गंभीर होगा।