लखनऊ : रिवरफ्रंट घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने यूपी समेत चार राज्यों में ताबड़तोड़ छापेमारी की है। राजधानी के रिवरफ्रंट घोटाले में चार राज्यों के अलावा ईडी ने गोमतीनगर, विशालखंड में भी छापेमारी की। ईडी ने इंजीनियरों व ठेकेदारों का घर खंगाला। ईडी की कार्यवाही से हड़कंप मच गया। वहीं इससे पहले उत्तर प्रदेश में अवैध खनन मामले में सीबीआइ ने कहा है कि अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री रहते एक ही दिन में 13 खनन परियोजनाओं को मंजूरी दे दी थी। अखिलेश के पास खनन मंत्रालय भी था, उस वक्त उन्होंने 14 पट्टों को मंजूरी दी थी, जिनमें 13 को तो 17 फरवरी 2013 को ही ई-टेंडरिंग प्रक्रिया का उल्लंघन करते मंजूरी दे दी थी। सीबीआइ ने दावा किया कि हमीरपुर की डीएम रही बी चंद्रकला ने सीएम ऑफिस से मंजूरी मिलने के बाद 17 फरवरी को खनन पट्टों को हरी झंडी दे दी थी। बी चंद्रकला ने इन पट्टों को 2012 में बनी ई-टेंडर पॉलिसी के खिलाफ दिया था। 29 जनवरी, 2013 को अपने फैसले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी माना था। गौरतलब है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अखिलेश यादव ने सीबीआइ जांच को लेकर भाजपा पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि भाजपा भले ही कितने षडयंत्र करे, लेकिन जनता भाजपा से बदला लेने के लिए तैयार है।