26 जनवरी को हम हर बार राजपथ पर भारतीय सेना के जवानों की जांबाजी देखते हैं लेकिन इस बार गणतंत्र दिवस पर पहली बार एक महिला डेयरडेविल मोटरसायकल पर करतब करते नजर आएंगी. इस बार पूरी परेड में महिला शक्ति की कई झलकियां देखने को मिलेंगी.
झारखंड की 28 वर्षीय कैप्टन शिखा सुरभि पुरुष डेयरडेविल्स टीम के बीच अकेली महिला ऑफिसर होंगी. वह रॉयल एनफील्ड 350 CC पर स्टंट करेंगी.
बाइक पर बिना हैंडल पकड़े बैलेंस बनाना इतना आसान काम नहीं होता है. इसके लिए अलर्टनेस, हिम्मत और स्टैमिना होना जरूरी है. बाइक पर एक से बढ़कर एक स्टंट दिखाने वाली डेयरडेविल टीम 1935 में बनाई गई थी और इसके नाम 24 वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज है जिसमें गिनीज और लिम्का बुक अवॉर्ड भी शामिल हैं.
सुरभि शिखा ने एक इंटरव्यू में बताया, ‘मैं शुरू से ही एक स्पोर्ट्सपर्सन थी. मैं बॉक्सिंग किया करती थी और बास्केटबॉल खेला करती थी. खेल में शुरू से रहने की वजह से मुझे इंडियन आर्मी जॉइन करने की प्रेरणा मिली.’
सुरभि ने IT से बीटेक किया है और उसके बाद इंडियन आर्मी जॉइन करने के लिए जमकर मेहनत की.
कैप्टन शिखा ने बताया, ‘बाइक चलाना और उस पर एडवेंचर परफॉर्म करना रातो रात नहीं हो गया. मैं आर्मी जॉइन करने से पहले बाइक चलाती थी. मैंने बाइक से लद्दाख और भूटान की ट्रिप भी की है.’
लेडी डेयरडेविल ने कहा, मैं पिछले 3 महीने से अभ्यास कर रही थी. शुरू में मैं हाथ छोड़कर बुलेट नहीं चला पा रही थी लेकिन टीम ने मुझे सिखाने में बहुत मदद की. धीरे-धीरे मैं सीख गई कि बाइक पर कैसे खड़े होना है. बाइक पर अलग-अलग तरह के स्टंट से मेरे अंदर आत्मविश्वास आ गया है.
पुरुषों की टीम में अकेली महिला होने पर कैप्टन शिखा ने कहा, पहले मुझे लगता था कि मैं इस टीम का हिस्सा कैसे बन पाऊंगी लेकिन जब मैंने टीम जॉइन की तो वहां मुझमें और किसी दूसरे ऑफिसर में कोई फर्क नहीं किया गया.
वह कहती हैं, ‘मैं देखती हूं जब पूरी कन्टिगजेंट जा रही होती है तो शोर मचता है लेकिन जब मैं गुजरती हूं तो बच्चे तालिायां बजाते हैं, एक अलग तरह से उत्साह देखने को मिलता है.’
डेयरडेविल्स को केवल बाइक की सवारी ही नहीं करनी होती है बल्कि खतरनाक स्टंट करने होते हैं. लेकिन कैप्टन शिखा सुरभि बारिश की फिसलन वाली सड़कों पर भी बाइक चलाने में पारंगत हैं.
स्टंट में आने वाली चुनौतियों पर शिखा ने कहा, मौसम बदलने पर थोड़ी दिक्कत आती है. जब हवाएं तेज चलती हैं तो बाइक को बैलेंस करना मुश्किल होता है. लोटस फॉर्म में 11 लोग होते हैं और तब बैलेंस करना मुश्किल होता है.
लेकिन शिखा को चुनौतियां पसंद हैं. बतौर शिखा, हमें आसान जिंदगी की दुआ नहीं मांगनी चाहिए, हमें मुश्किल जिंदगी को झेलने की ताकत मिलने की दुआ मांगनी चाहिए.
झारखंड से आने वाली शिखा हमेशा से ही बाइक की शौकीन रही हैं लेकिन सेना में आने के बाद उन्होंने बुलेट चलाना शुरू किया था.