राजस्व संहिता लागू: जमीन में पत्नी को मिलेगा बराबर का हिस्सा
एजेन्सी/संशोधित राजस्व संहिता-2006 गुरुवार को प्रदेश में पूरी तरह से लागू हो गई है। बुधवार को कैबिनेट ने बाई सर्कुलेशन संहिता की नियमावली को मंजूरी दे दी। राजस्व परिषद गुरुवार को राजस्व दिवस के रूप में मना रही है।
सरकार ने नई राजस्व संहिता को दो चरण में लागू करने का फैसला किया था। नियमावली बनाने व इससे जुड़े कर्मियों को प्रशिक्षण देने जैसे जरूरी प्रावधानों को 19 दिसंबर 2015 को लागू किया गया था। 11 फरवरी को इसे पूरी तरह से लागू किया जाएगा।
संहिता को लागू करने के लिए इसकी नियमावली का होना जरूरी है। कैबिनेट की बुधवार को होने वाली बैठक स्थगित होने की वजह से राजस्व नियमावली को देर शाम कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दी गई।
इसके बाद नियमावली को लागू करने संबंधी आदेश जारी कर दिया गया। राजस्व परिषद ने राजस्व संहिता को यादगार बनाने के लिए 11 फरवरी को ‘राजस्व दिवस’ मनाने का फैसला किया है।
•नामांतरण व इससे जुड़ी कार्यवाही के लिए शुल्क तय किए जाएंगे।
•जमीन खाली होने पर ही पट्टा किया जा सकेगा।
•आवंटित भूमि में पत्नी को बराबर का हिस्सा मिलेगा।
•पट्टे के पात्र व्यक्ति के घर की जमीन का स्वामित्व उसे दे दिया जाएगा।
•असामी जिन्हें जमीन पर अधिकार नहीं मिलता है, उन्हें असक्रंमणीय भूमिधर का अधिकार मिलेगा। बाद में वे संक्रमणीय भूमिधर का अधिकार पा जाएंगे।
•सरकार आवश्यकता होने पर जमीन की श्रेणी बदल सकेगी।
•खेती नहीं कर सकते तो अपनी जमीन पट्टे पर दे सकेंगे।
•एससी-एसटी के भूमिधर डीएम की अनुमति शर्तों का पालन करते हुए अपनी जमीन गैर दलितों को भी बेच सकेंगे।
•अविवाहित पुत्री को प्रथम श्रेणी का उत्तराधिकारी बनाया गया।
•अगर किसी ने अवैध तरीके से जमीन पर कब्जा किया है तो उसे हटाया जा सकेगा।