रात में सोने से पहले दिल्ली-NCR में आया भूकंप, झज्जर में 5 किमी गहराई में था केंद्र
नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में सोमवार की शाम भूकंप के हल्के झटके महसूस किये गए। शुरुआती जांच में रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.7 मापी गयी है। भूकंप का केंद्र हरियाणा के झज्जर में था। रात 10:36 पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की गहराई 5 किलोमीटर पर बताई जा रही है। सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि क्या किसी ने झटका महसूस किया। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि उन्होंने झटके को महसूस किया। इससे पहले 20 जून को भी भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे। तब रिक्टर पैमाने पर 2.1 तीव्रता आंकी गई थी।
उस भूकंप का केंद्र दिल्ली के पंजाबी बाग इलाके में मौजूद रहा। उस दिन 12 बजकर 02 मिनट पर भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप का केंद्र जमीन के लगभग सात किलोमीटर नीचे मौजूद था। हालांकि, बहुत हल्के झटके होने के चलते इसे ज्यादातर लोगों ने अनुभव नहीं किया था। पिछले साल अप्रैल से अगस्त के दौरान राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कई भूकंप आने के बाद भूकंप विज्ञान केंद्र ने दिल्ली में और उसके आसपास भूकंपीय गतिविधि पर करीबी निगरानी के लिए अतिरिक्त भूकंप रिकॉर्डिंग उपकरण तैनात किए हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में अप्रैल से अगस्त 2020 के दौरान कम तीव्रता के भूकंप आए थे जिनका केंद्र उत्तर-पूर्वी दिल्ली, रोहतक, सोनीपत, बागपत, फरीदाबाद और अलवर में था।
आखिर क्यों आता है भूकंप
धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है. इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट. क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर के नाम से जाना जाता है। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है। इसे टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर हिलती-डुलती रहती हैं। जब ये प्लेट बहुत ज्यादा हिलने लगती है तो उसे भूकंप कहते हैं। ये प्लेट क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इसके बाद वह स्थिर रहते हुए अपनी जगह तलाशती हैं इस दौरान एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे आ जाता है।