रानी झांसी पर की गई अपमान जनक टिप्पणी से नाराज भाजपाइयों ने जमकर हंगामा किया
उन्होंने सभा स्थल पर तोड़फोड़ करते हुए फूल सिंह बरैया के साथ धक्का-मुक्की की। बच कर निकलते बरैया की कार पर पथराव भी किया गया, जिससे कार का शीशा टूट गया। पुलिस ने किसी तरह स्थिति को संभाला।
आत्म हत्या करने वाले हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला को श्रद्धांजलि देने के लिए बहुजन संघर्ष दल के तत्वावधान में रविवार को बस स्टैंड के पास स्थित कुंज वाटिका विवाह घर में सभा का आयोजन किया गया था।
सभा के मुख्य अतिथि बहुजन संघर्ष दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष फूल सिंह बरैया ने अपने भाषण के दौरान वीरांगना झांसी की रानी लक्ष्मी बाई के खिलाफ अपमान जनक टिप्पणी करना शुरू कर दिया।
उन्होंने अपने भाषण में रानी की देशभक्ति पर प्रश्नचिह्न लगाते हुए 1857 के संघर्ष का पूरा श्रेय झलकारी बाई को दिया और रानी लक्ष्मीबाई के संघर्ष व बलिदान को पूरी तरह से नकार दिया।
काफी देर तक भाजपाई थाने पर धरना पर बैठे रहे, लेकिन पुलिस एक्शन में नहीं आई। इसी बीच एक भाजपाई ने सभी से कार्यक्रम स्थल चलने को कहा। इसके बाद सभी लोग कुंज वाटिका की ओर चल दिए।
भाजपाइयों को आयोजन स्थल पर जाते देख थाना नवाबाद पुलिस ने सदर बाजार थाना पुलिस को इस संबंध में सूचना दी। पुलिस और भाजपाई एक साथ कुंज वाटिका पहुंचे। वहां भाजपाइयों ने जमकर नारेबाजी करते हुए सभा में मौजूद लोगों को खदेड़ना शुरू कर दिया।
हंगामा होता देख थानाध्यक्ष सदरबाजार आशीष कुमार मिश्र मंच पर चढ़ गए और नेताओं को सुरक्षित नीचे उतार दिया। सभी नेता एक-एक करके चले गए, लेकिन फूल सिंह बरैया पीछे जाकर कुर्सी पर बैठ गए।
पुलिस ने सुरक्षा घेरा बनाकर भाजपाइयों को रोकने का प्रयास किया। इसी बीच एक पार्षद सुरक्षा घेरे को तोड़कर अंदर घुस गए और फूल सिंह बरैया के साथ धक्का मुक्की कर दी।
स्थिति को देखते हुए फूल सिंह बरैया ने दौड़ लगा दी और अपनी कार में बैठ गए। इसी दौरान कुछ लोगों ने पथराव कर दिया, जिससे कार का शीशा टूट गया। कुछ लोग कार रोकने दौड़़े भी लेकिन सफल नहीं हो सके।
बाद में भाजपा नेता सुधीर सिंह एडवोकेट ने थाना नवाबाद में तहरीर देकर बताया कि मध्यप्रदेश के नेता ग्वालियर निवासी फूल सिंह बरैया ने झांसी की रानी की शान के खिलाफ बोलते हुए कहा कि रानी लक्ष्मीबाई ने देश के लिए नहीं अपने पुत्र को बचाने के लिए तलवार उठाई थी।
वह अंग्रेजों से मोर्चा लेते हुए शहीद नहीं हुई थी, बल्कि झांसी से भागकर ग्वालियर में आत्महत्या की थी। भाजपा नेता की तहरीर पर फूल सिंह बरैया के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
गौरतलब है कि फूल सिंह बरैया पूर्व में बसपा में थे। लेकिन, बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था। बाद में बरैया ने बहुजन संघर्ष दल के नाम से अलग संगठन बनाया है।
तथाकथित आयोजक को पूछताछ के बाद छोड़ा
हंगामे के बाद जांच में जुटी पुलिस ने कार्यक्रम स्थल से आयोजन स्थल की बुकिंग करने वाली एक महिला नेत्री व उनके सहयोगी को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने उनसे पूछताछ की। उन्होंने बताया कि वह कार्यक्रम की आयोजक नहीं हैं, अपने एक रिश्तेदार के कहने पर उन्होंने कार्यक्रम स्थल की बुकिंग की थी। बाद में उन्हें जाने दिया गया।
मैंने कुछ भी विवादित नहीं बोला – बरैया
बहुजन संघर्ष दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष फूल सिंह बरैया का कहना है कि इतिहासकारों ने झांसी की रानी को ज्यादा महिमामंडित किया है। झलकारी बाई को नजरंदाज किया गया, इस कारण उन्हें वह सम्मान नहीं मिल पाया, जिसकी वह हकदार हैं। मैंने कुछ भी विवादित नहीं बोला।