अद्धयात्म
रामचरित मानस के अनुसार- ऐसे लोग कभी नहीं बन पाते ‘धनवान’
रामचरित मानस एक ऐसा काव्य ग्रंथ है जिसमें भगवान राम और रामायण दोनों की ही शिक्षाएं संकलित हैं। ये शिक्षाएं कुछ ऐसी हैं कि जो व्यक्ति इनपर अमल करता है उसका जीवन शुद्ध, परिष्कृत और सहज हो जाता है।
कहते हैं कि शास्त्रोक्त बातों का जो मनुष्य अक्षरशः पालन करता है उसके जीवन में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आती है। रामचरित मानस में तुलसीदास जी ने लिखा है कि कुछ ऐसे लोग हैं जो अपने जीवन में कभी भी अमीर नहीं बन पाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि शास्त्रों में कुछ ऐसी बताई गईं हैं जिसे करना बेहद अशुभ होता है। इतना ही इन निषिद्ध कामों को करने से व्यक्ति के जीवन में दरिद्रता का साया मंडराता रहता है।
मेहनत
मेहनत तो हम सभी करते हैं लेकिन रामचरितमानस के अनुसार कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जिनके पास कभी धन नहीं ठहर सकता। तो आइए जानते हैं कौन हैं वो लोग जिन पर धन की देवी लक्ष्मी की कृपा कभी नहीं बरसती।
मादक पदार्थों का सेवन करने वाले
रामचरित मानस में उल्लिखित बातों के अनुसार वे लोग जो हर समय नशे में रहते हैं, जो मादक पदार्थों का सेवन करते हैं उनका सारा धन अपनी इसी आदत को पूरा करने में व्यर्थ हो जाता है और उनके ऊपर कभी देवी लक्ष्मी की कृपा नहीं होती, ऐसे लोग कभी अमीर नहीं बन सकते।
धोखेबाज जीवनसाथी
ऐसे लोग जो अपने जीवनसाथी के साथ धोखा करते हैं वे लोग कभी भी धनी नहीं बन सकते क्योंकि वे पति या पत्नी से छिपाकर अपने धन को अन्य लोगों पर खर्च करते हैं जो कि सही नहीं होता। मृत्यु के बाद ऐसे लोग नर्क की प्राप्ति करते हैं।
लालची लोग
ग्रंथों में ऐसा लिखा है कि जो धन का ज्यादा लालच करता है, जो हमेशा धन के पीछे भागता रहता है वह कभी धन प्राप्त नहीं कर पाता। उसकी तलाश अधूरी ही रह जाती है।
घमंडी व्यक्ति
भगवान राम के भाई के अनुसार जिनके अंदर भरपूर घमंड होता है, जो दूसरे लोगों को सम्मान देना नहीं जानते, जो खुद को औरों से ऊपर मानते हैं वे लोग कभी भी धन एकत्र नहीं कर सकते क्योंकि वो लोग घमंड की वजह से किसी से मेलजोल नहीं रख पाते।
नौकरीपेशा लोग
ऐसा कहा जाता है कि जो लोग दूसरों की नौकरी करते हैं, वे कभी अपने सपने पूरे नहीं कर पाते, वे कभी अपने लिए धन नहीं जोड़ पाते। वे बस धन कमाते रहते हैं, उसे एकत्र नहीं कर पाते।
आदत
वैसे आजकल तो हम सभी नौकरीपेशा ही हैं, लेकिन अगर इसके अलावा आपके भीतर कोई और आदत भी है तो उसे तुरंत त्याग दीजिए।