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राशन दुकानों में एक साल में हो गया 3.5 करोड़ रुपए का गोलमाल

बिलासपुर.जिले की 845 राशन दुकानों में करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए के राशन गोलमाल की आशंका है। जिले की राशन दुकानों में 18917 कार्ड ऐसे है जिनके एक भी सदस्य या मुखिया का आधार कार्ड नहीं है। एक साल पहले कलेक्टर के आदेश के बाद भी इन परिवार को खाद्य विभाग के अधिकारी खोज नहीं पाए हैं जबकि इन कार्डों का आवंटन दुकानों को जा रहा है। ऐसे में राशन लोगों को मिल रहा है या नहीं यह खाद्य विभाग के अधिकारी भी बताने की स्थिति में नहीं है। वे बड़ी गड़बड़ी की आशंका से भी इंकार नहीं कर रहे हैं।
राशन दुकानों में एक साल में हो गया 3.5 करोड़ रुपए का गोलमाल
जिले की राशन दुकानाें में खाद्यान्नों में बड़ी गड़बड़ी के संकेत मिल रहे हैं। दरअसल खाद्य विभाग ने ग्रामीण इलाकों की राशन दुकानों के ब्लॉकवार 18917 कार्ड ऐसे निकाले थे जहां किसी का भी आधार कार्ड नहीं था। इन सभी का राशन दुकानदारों को आवंटित हो रहा था। यह आवंटन सही लोगों को मिल रहा है या नहीं मिल रहा है यही रिकार्ड में नहीं है। आधार कार्ड से लिंकअप होने के कारण आवंटित होने और डिस्ट्रीब्यूट होने वाला राशन आन लाइन तो नजर आ जाता है लेकिन जिनका आधार कार्ड हीं लिंकअप नहीं हुआ है उस राशन का हिसाब किताब कैसे आन लाइन किया जाएगा।

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खाद्य विभाग के अधिकारियों को इसके लिए एक साल का समय मिला था। अधिकारियों को उनके मोबाइल पर भी यह सुविधा दी गई थी कि वे सभी कार्ड का आधार कार्ड सीडिंग कर सकें। इसके बाद भी वे एेसा नहीं कर सके।
 
इधर, लगातार राशन आवंटित होने के बाद भी पूरे कार्ड का आधार सीडिंग नहीं होने के बाद शासन ने 30 जून का समय इसके लिए तय किया। यह भी कहा कि यदि इस समय तक भी आधार सीडिंग नहीं होता है तो ऐसे कार्डों का आवंटन रोक दिया जाएगा। यानि एक साल से ऐसे कार्ड का राशन कहां जा रहा है यह बताने को कोई तैयार नहीं है।
कैसे हो सकती है करीब साढ़े तीन करोड़ की गड़बड़ी
– कुल कार्ड जिनका कोई आधार नहीं- 18917
– एक सदस्य पर मिलने वाला खाद्यान्न- 07
– यदि न्यूनतम एक सदस्य भी मानें तो कुल खाद्यान्न- 18971 गुणा 7
– कुल खाद्यान्न- 132419 किलो प्रति माह खाद्यान्न
– सोसायटी में सब्सिडी में मिलने वाले चावल की कीमत बाजार में करीब- 22 रुपए
– इस तरह कुल खाद्यान्न की कीमत- 132419 गुणा 22 बराबर 2913218 रुपए प्रति माह
– सालाना में 2913218 गुणा 12 बराबर 3,49,58,616 रुपए
सीधी बात
आशुतोष चतुर्वेदी, खाद्य नियंत्रक
Q- एक साल पहले के निर्देश पर 18971 कार्ड की आधार सीडिंग क्यों नहीं हुई?
A- हम लोेगाें ने वर्क प्लान बना लिया है। जल्द ही इस प्रक्रिया को पूरा करेंगे।
Q-आधार कार्ड नहीं होने के बाद भी आवंटन जा रहा है?
A- बिलकुल, जहां ऐसे कार्डों का आवंटन जा रहा है उन दुकानदारों को सॉफ्टवेयर सुधारने का निर्देश पहले ही जारी कर दिए गए हैं।
Q- निर्देश एक साल पहले का था, बहुत समय होता है कार्डों की जांच के लिए,फिर भी नहीं हो पाया।
A- हम यह मान रहे हैं कि एक साल का समय बहुत होता है। लोक सुराज के कारण प्रक्रिया धीमी हो गई थी अब जल्द कर लेंगे।
Q- आवंटन लगातार दुकानों को जाने और ऐसे लोगों के पता नहीं चलने से क्या बड़ी गड़बड़ी के संकेत नहीं हैं?
A- देखिए जब तब प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती इसकी पुष्टि संभव नहीं हैं।
Q- क्या ऐसी किसी गड़बड़ी पर विभाग की नजर है?
– हम पूरी प्रक्रिया पर नजर रखे हुए है। इसी कारण जल्द से जल्द आधार सीडिंग करा रहे हैं।

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