फीचर्डराजनीति

राष्ट्रपति के चुनाव में विपक्षी एकजुटता में आ रही बहुत सी अड़चनें

कोलकाता : राष्ट्रपति के चुनाव के लिए विपक्ष को एकजुट करने के लिए कांग्रेस, सीपीएम और कुछ अन्य दल प्रयास कर रहे है, लेकिन इस एकजुटता के रास्ते में कुछ अड़चनें भी आ रही हैं. कहीं संपर्क का अभाव है तो कहीं, सहयोग नहीं मिलने की बात सामने आ रही है.

राष्ट्रपति के चुनाव में विपक्षी एकजुटता में आ रही बहुत सी अड़चनें

उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह से कांग्रेस, सीपीएम और जेडी (यू) ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं और वे एक ऐसे साझा उम्मीदवार पर चर्चा कर रहे हैं जिसे सभी विपक्षी दल स्वीकार कर सकें. लेकिन इस मुद्दे पर कई अड़चनें आ रही है.अभी तृणमूल कांग्रेस और बीजेडी उनके साथ नहीं आए हैं.वहीं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी से इस बारे में अभी तक संपर्क नहीं किया गया है, जबकि बीजू जनता दल (बीजेडी) के अध्यक्ष नवीन पटनायक ने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है.

ये भी पढ़े: मनोज तिवारी ने की AAP की मान्यता रद्द करने की मांग, आज चुनाव आयोग पहुंचेगी भाजपा

जबकि दूसरा पहलू यह है कि पश्चिम बंगाल में सीपीएम और तृणमूल कांग्रेस कट्टर प्रतिद्वंद्वी हैं और ऐसे में उनके एक साथ आने के आसार बहुत कम हैं.वहीं बीजेडी अपने गृह राज्य ओडिशा में सरकार बचाने के लिए संघर्ष कर रही है और इस कारण पार्टी ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं.पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अभी तक कांग्रेस सहित किसी भी विपक्षी दल के संपर्क न करने से कुछ सवाल उठ रहे हैं. तृणमूल के एक सांसद ने अभी तक किसी दल से कोई संदेश नहीं मिलने की बात कही है.तो क्या ममता बनर्जी अपना महत्व खो रही है. जो भी हो फ़िलहाल तो विपक्षी एकजुटता में बाधाएं नजर आ रही है.

Related Articles

Back to top button