
-
रामनाथ कोविंद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक रहे, ऐसा पहली बार हुआ है जब कोई स्वयंसेवक देश का राष्ट्रपति बना, कोविंद के राजनीतिक सफर में कई मोड़ आए, उन्होंने कई तरह की भूमिका निभाई, इन्होंने एक समाज सेवी, एक वकील और एक राज्यसभा सांसद के तौर पर काम किया। लेकिन इनकी पिछली पृष्टभूमि में जाए तो वो एक बहुत ही साधारण इंसान हैं।
नई दिल्ली। देश के 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का आज जन्मदिन है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का आज 73वां जन्मदिन है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुभकामनाएं देते हुए उनके दीर्घायु, स्वस्थ एवं देशसेवा में सर्मिपत जीवन की कामना की है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर लिखा, ‘राष्ट्रपति जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं। ईश्वर उन्हें हमारे राष्ट्र के लिए सर्मिपत लंबा और स्वस्थ्य जीवन दे। जबसे उनका कार्यकाल शुरू हुआ है, राष्ट्रपति जी ने अपने सरल और दयालु स्वभाव के माध्यम से स्वयं को भारत के लोगों का प्रिय बना लिया है।’
राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द का जीवन परिचय-
रामनाथ कोविन्द का जन्म 1 अक्टूबर 1945 में उत्तर प्रदेश के कानपुर जिला (वर्तमान में कानपुर देहात जिला) की तहसील डेरापुर, कानपुर देहात के एक छोटे से गाँव परौंख में हुआ था। 25 जुलाई, 2017 को भारत के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने से पहले, कोविन्द ने 16 अगस्त, 2015 से 20 जून, 2017 तक बिहार राज्य के 36वें राज्यपाल के रूप में कार्य किया। कोविन्द ने कानपुर से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और कानपुर विश्वविद्यालय से बी.कॉम और एलएलबी की उपाधियां प्राप्त कीं। वर्ष 1971 में उन्होंने दिल्ली बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में प्रवेश किया। कोविन्द वर्ष 1977 से 1979 तक दिल्ली उच्च न्यायालय में केन्द्रीय सरकार के अधिवक्ता तथा वर्ष 1980 से 1993 तक उच्चतम न्यायालय में केन्द्रीय सरकार के स्थायी परामर्शक थे। वह साल 1978 में भारत के उच्चतम न्यायालय के एडवोकेट-ऑन-रिकार्ड बने। उन्होंने 1993 तक लगभग 16 वर्ष तक दिल्ली उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में प्रैक्टिस की। कोविन्द अप्रैल, 1994 में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। उन्होंने मार्च, 2006 तक उच्च सदन में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया।