उत्तरकाशी के आराकोट में राहत सामग्री पहुंचा कर लौट रहा एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया है। जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई है।
बता दें कि 17 अगस्त की रात उत्तरकाशी के आराकोट गांव में बादल फटने के बाद तबाही मच गई थी। जानकारी के मुताबिक उक्त हेलीकॉप्टर आराकोट में राहत सामग्री वितरित कर वापस लौट रहा था और इसी दौरान वह कृषि उत्पादों को लाने के लिए बनाए गए रोपवे की तारों से उलझकर पहाड़ी से टकराया और क्रैश हो गया।
हेलीकॉप्टर में पायलट रंजीव लाल, को-पायलट सैलेश और एक स्थानीय वालंटियर राजपाल राणा सवार थे। हेलीकॉप्टर हैरिटेज कंपनी का है और मोल्डी में क्रैश हुआ है। राहत-बचाव कार्य के लिए आराकोट से बचाव दल के साथ एक हेलीकॉप्टर हादसे वाली जगह भेज दिया गया है। सूचना पर उत्तरकाशी जिला प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो गई।
मुख्यमंत्री ने किया 15-15 लाख रुपए मुआवजे का एलान
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस घटन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि ‘उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री ले जा रहे हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर दुःखद है। ईश्वर से मृतात्माओं की शांति व उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि हेलीकॉप्टर हादसे में मृतकों को 15-15 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। फिलहाल हेली ऑपरेशन रोक दिया गया है। शवों को जहां परिजन कहेंगे पहुंचा दिया जाएगा।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि मोल्डी गांव के पास हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ है जो आपदा राहत सामग्री छोड़ने के बाद वापस आराकोट आ रहा था। हादसे में तीन लोगों के मौत की सूचना मिल रही है। टीम मौके पर पहुंच चुकी है।
15 शव बरामद, मलबे में दबे दिखे हैं दो शव
आराकोट क्षेत्र में आई आपदा में मृतकों की संख्या 17 तक पहुंच गई हैं। सोमवार तक 11 शवों की तलाश के बाद रेस्क्यू टीमों ने मंगलवार को माकुड़ी से एक और हिमाचल बॉर्डर पर स्थित सनेल से तीन शव बरामद किए।
इन सभी की शिनाख्त भी कर ली गई है। इसके अलावा दो शव टिकोची में मलबे में दबे दिखाई दिए हैं। आपदा में लापता अन्य लोगों की खोजबीन जारी है। बीते रविवार तड़के आराकोट क्षेत्र के गांवों में जलप्रलय के बाद से यहां खोज एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं आपदा प्रबंधन की टीमें आपदा प्रभावित गांवों तक पहुंच कर राहत एवं खोज कार्यों में जुटी हैं।
सनेल गांव से तीन शव बरामद हुए
सोमवार तक 11 शवों की तलाश के बाद मंगलवार को फिर माकुड़ी, टिकोची, सनेल और आराकोट में खोज अभियान चलाया गया। इस दौरान माकुड़ी में मलबे में से नेपाली मजदूर लाल बहादुर (50) का शव बरामद हुआ है, जबकि सनेल गांव से तीन शव बरामद हुए।
इनकी शिनाख्त रामप्रसाद (71) पुत्र सुखराम निवासी सनेल तथा संजोग (10) पुत्र सागर व सुनील कुमार(30) पुत्र जीतू कुमार निवासी चिल्ला गांव हिमाचल प्रदेश के रूप में हुई। ऐसे में अभी तक कुल 15 शव बरामद हो गए हैं। टिकोची में दो लोगों के शव मलबे में दबे हुए दिखे हैं। रेस्क्यू टीमें इन शवों को निकालने की कोशिश में जुटी हैं।
रेस्क्यू टीमें घायल एवं बीमार लोगों को भी अस्पताल पहुंचाने में जुटी
सड़क अवरुद्ध होने से बड़ी मशीनें मौके तक नहीं पहुंच पाने के कारण इन शवों को अभी तक निकाला नहीं जा सका है। आपदा के तीसरे दिन भी माकुड़ी गांव से लापता सरोजना देवी पत्नी उपेंद्र सिंह का कुछ पता नहीं चल पाया है। इसके अलावा टिकोची बाजार में भी कई लोगों के मलबे में दफन होने की सूचना मिल रही है।
रेस्क्यू टीमें आपदा में घायल एवं बीमार लोगों को भी अस्पताल पहुंचाने में जुटी हैं। सोमवार को सात घायलों को हेलीकॉप्टर से देहरादून भेजा गया। मंगलवार को आराकोट से निशा पुत्री तेगबहादुर और सनेल से सागर पुत्र रामबहादुर को सड़क मार्ग से देहरादून भेजा गया। उपचार के बाद सभी घायलों की स्थिति सामान्य बताई जा रही है, जबकि गमरी गांव की परमेश्वरी देवी को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र त्यूणी में उपचार दिया गया। माकुड़ी गांव की गर्भवती महिला ललिता (27) पत्नी संतोष को हेलीकॉप्टर की मदद से देहरादून पहुंचाया गया।
आपदा में सोमवार तक 11 शव बरामद कर लिए गए थे। मंगलवार को माकुड़ी से एक और सनेल से तीन शव बरामद हुए। इनमें से दो मृतक हिमाचल प्रदेश क्षेत्र के थे। उनके शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं। टिकोची में मलबे में दबे दो शव दिखाई दिए हैं, रेस्क्यू टीम इन्हें निकालने में जुटी हैं। आपदा में लापता अन्य लोगों की भी खोजबीन जारी है।
– पंकज भट्ट, एसपी, उत्तरकाशी
15 गांवों में बहाल नहीं हो सकी विद्युत आपूर्ति
भारी बारिश से मची तबाही के कई दिन बाद भी आराकोट क्षेत्र के करीब एक दर्जन से अधिक गांवों में विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी है। भारी बारिश से मची तबाही के कारण मोरी ब्लॉक के करीब 34 गांवों में विद्युत आपूर्ति ठप पड़ गई थी। जिनमें से सबसे अधिक प्रभाव आराकोट क्षेत्र के गांवों में पड़ा था।
हालांकि विद्युत विभाग ने कड़ी मशक्कत के बाद करीब 19 गांवों में बिजली व्यवस्था सुचारु कर दी है। लेकिन आपदा प्रभावित माकुड़ी, टिकोची, सनेल, डगोली, मोल्डी, गोकुल, किराणु, बरनाली, कलीच, बलावट, खक्वाड़ी, जागटा, चिंवा, मोंडा तथा झोटाड़ी गांवों में अभी भी विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी है। विद्युत विभाग के ईई प्रशांत पंत ने बताया कि मोरी क्षेत्र में अभी तक 34 में से 19 गांवों में विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी गई है। बचे हुए गांवों तक यातायात सुविधा नहीं होने के कारण विद्युत व्यवस्था दुरुस्त करने में दिक्कतें आ रही हैं।
इधर भटवाड़ी प्रखंड के मुखबा गांव तथा चिन्यालीसौड़ ब्लॉक के जोगत तल्ला व मल्ला गांव में भी बीते कई दिनों से अंधेरा पसरा हुआ है। गंगोत्री व्यापार मंडल अध्यक्ष सत्येंद्र सेमवाल ने बताया कि गंगोत्री धाम में बीते तीन दिनों से अंधेरा पसरा हुआ है। विद्युत विभाग के अधिकारियों ने इन गांवों में जल्द ही व्यवस्था सुचारु करने का भरोसा दिया है।