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रेलवे में जल्द होंगी 90 हजार नियुक्तियां, 31 मार्च तक करें आवेदन

नयी दिल्ली (एजेंसी)। रेलवे भर्ती बोर्ड ने ग्रुप डी के 62 हजार पद और असिस्टेंट लोको पायलट व टेक्नीशियन के 26 हजार पदों के लिए आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ा दी है। अब एप्लाई करने की अंतिम तिथि 31 मार्च है। जबकि पहले ग्रुप डी के पदों के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 12 मार्च और असिस्टेंट लोको पायलट व टेक्नीशियन के पदों के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 5 मार्च थी।
रेलवे ग्रुप डी के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम उम्र सीमा 2 साल बढ़ाकर 28 से 30 वर्ष कर दिया है। लोको पायलट एवं तकनीशियनों के अब अधिकतम आयु सीमा 30 वर्ष है। लेवल 1 पोस्ट के लिए आयु सीमा बढ़ाकर 31 से 33 कर दी गई है। इससे रेलवे भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को बड़ी राहत मिली है।
गौरतलब है कि रेलवे में ये अब तक की सबसे बड़ी वैकेंसी आई है। रेलवे ने लोको पायलट एवं तकनीशियनों समेत निचले स्तर के करीब 90 हजार पदों के लिए आवेदन मांगा है। इन पदों के लिए न्यूनतम रेल मंत्रालय ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा है कि वह दृष्टिबाधित युवाओं को भी इन भर्तियों के लिए आवेदन करने की अनुमति देगा। रेलवे ने नेशनल फेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड द्वारा दायर याचिका के जवाब में कोर्ट में ये बात कही है। एनएफबी ने कोर्ट में इन 90 हजार भर्तियों में दृष्टिबाधित लोगों को आवेदन करने की अनुमति न देने के खिलाफ याचिका दायर की थी। रेल मंत्रालय ने एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी हरि शंकर की बेंच से कहा कि वह दृष्टिबाधित उम्मीदवारों को इन पदों के लिए आवेदन करने की अनुमति देगा। जल्द ही इस संबंध में एक नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है।
आयु की गणना 1 जुलाई 2018 से होगी। रेल मंत्री ने स्पष्ट किया है कि रेलवे भर्ती परीक्षा के लिए एग्जामिनेशन फीस नहीं बढ़ाई गई है। उन्होंने कहा कि अगर उम्मीदवार रेलवे भर्ती परीक्षा देता है तो यह बढ़ी हुई फीस उसे बाद में वापस कर दी जाएगी। दरअसल इस बार जो 90 हजार भर्तियां निकाली गई हैं उसमें आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 250 रुपये और अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 500 रुपये एग्जामिनेशन फीस रखी गई है। जबकि इससे पहले जो भर्तियां निकाली गई थीं, उनमें अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 100 रुपये फीस रखी गई थी जबकि आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को फीस से छूट थी। उन्हें परीक्षा के लिए कोई फीस नहीं देनी होती थी। ऐसे में रेलवे भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं में काफी असंतोष था। इस पर पीयूष गोयल ने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया है कि परीक्षा के लिए गंभीर उम्मीदवार ही आवेदन करें। बहुत बार कम शुल्क की वजह से लोग आवेदन कर देते हैं लेकिन परीक्षा नहीं देते। ऐसे में सरकार को नुकसान होता है। भर्ती परीक्षा आयोजित करने में सरकार का काफी पैसा खर्च होता है। अगर उम्मीदवार परीक्षा देता है तो बढ़ी हुई फीस वापस कर दी जाएगी। रेल मंत्री की इस घोषणा के बाद स्पष्ट है कि अगर उम्मीदवार परीक्षा देता है तो आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को उनकी पूरी फीस यानी 250 रुपये वापस कर दी जाएगी जबकि अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को 500 रुपये के शुल्क में से 400 रुपये वापस कर दिए जाएंगे।

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