प्रियंका गांधी के पति और व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा से इन दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मनी लांडरिंग और विदेश में संपत्ति खरीदने के कारण पूछताछ की है। उन्हें कई बार ईडी के दफ्तर पूछताछ के लिए बुलाया जा चुका है। इसी बीच उन्होंने फेसबुक पर सफाई दी है। उनका कहना है कि सरकार देश के असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए उनके नाम का इस्तेमाल करती है। उनका कहना है कि वह जिन परिस्थितियों से फिलहाल गुजर रहे हैं उससे कुछ न कुछ सीख रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘मैंने जिन बच्चों की मदद की, उनसे सीखकर मैंने खुद को मजबूत बनाए रखा। दृष्टिहीन स्कूल से लेकर मदर टेरेसा अभियान, अनाथालयों में सेवा करने से लेकर विभिन्न आस्था और पूजास्थलों में जाने से लेकर, अस्पतालों और मंदिरों के बाहर मौजूद भूखों को खाना खिलाने तक। आपदा प्रबंधन और केरल, नेपाल और दूसरे स्थानों पर मदद भेजने तक। यह मेरे लिए संतुष्ट करने वाले और सीखने योग्य अनुभव थे।’
ईडी को लेकर वाड्रा ने कहा, ‘ईडी के दिल्ली और राजस्थान में मेरा जाना, लगभग आठ बार मैं वहां गया, बहुत घंटे और चूंकि मैंने हमेशा कानून का पालन किया है और मैं निश्चित तौर पर कानून से ऊपर नहीं हूं। मैं ऐसा शख्स हूं जिसने हर घटती हुई घटना से कुछ सीखा है। जो साल और महीने मैंने देश के विभिन्न हिस्सों में प्रचार करते हुए बिताए हैं खासतौर से उत्तर प्रदेश में। उन्होंने मुझे यह अहसास दिलाया है कि लोगों के लिए और ज्यादा करना चाहिए और जितना मुझसे संभव हो उनकी जिंदगी में छोटे बदलाव लाउं, जो मुझे जानते हैं उनका सच्चा प्यार, स्नेह और इज्जत जो मैंने कमाई है उसका आभारी हूं। इतने सालों के अनुभव और सीख को जाया नहीं किया जा सकता है और उन्हें बेहतर इस्तेमाल में लगाना चाहिए। एक बार यह सभी आरोप और दोष खत्म हो जाएंगे। मुझे लगता है कि मैं लोगों की सेवा में एक बड़ी भूमिका निभा सकूंगा।’