रोज़ाना एक केले का सेवन दूर करेगा अंधेपन की समस्या
सिडनी: कई लोगों का ऐसा मानना है कि केला खाने से वह मोटे होते हैं। केले की जगह वे सेब, अनार, अमरूद, तरबूज़, खरबूजा आदि फलों का सेवन करना ज़्यादा प्रभावशाली मानते हैं। यह सभी फल फाइबर युक्त होने के साथ शरीर में पानी की कमी को भी पूरा करने में मददगार साबित हैं। लेकिन कैल्शियम युक्त केला खाने से वह सोचते हैं कि वह मोटे हो जाएंगे।
अगर आप सभी तरह के फलों के फायदों के साथ केले के फायदों के बारे में जानने की कोशिश करें, तो यह शोध आपके लिए लाभकारी हो सकता है। इसे पढ़ने के बाद आप भी केले के दिवाने हो जाएंगे और इसे अपने खाने में रोज़ शामिल करने लगेंगे। एक नए शोध में साबित हुआ है कि हर दिन एक केला खाने से अंधेपन का खतरा दूर किया जा सकता है।
शोधकर्ताओं ने अध्ययन के दौरान केले में कैरोटिनॉइड कम्पोजिट पाए हैं। यह फलों और सब्जियों को लाल, नारंगी और पीला रंग देता है। यह लीवर में जाकर विटामिन-ए में परिवर्तित होता है, जो आंखों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है।
पिछले शोधों से भी यह साबित हुआ है कि कैरोटिनॉइड युक्त उच्च स्तर वाले खाद्य पदार्थ भी खतरनाक रोग जैसे कैंसर, दिल की बीमारियों और डायबिटीज़ से भी सुरक्षा प्रदान करते हैं। अध्ययन में पता चला है कि केला प्रोविटामिन-ए कैरोटिनॉइड से भरपूर होता है। यह आंखों के लिए महत्वपूर्ण विटामिन-ए की कमी को पूरा कर संभावित खाद्य स्रोत प्रदान करने में भी मददगार है।
विटामिन-ए की कमी से निपटने के लिए शोधकर्ताओं ने केले में कैरोटिनॉइड को बढ़ावा देते हुए उसकी जांच की। ऑस्ट्रेलिया की क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी से कारा एल मोर्टिमर और अन्य शोधार्थियों ने इस शोध के लिए केले की दो किस्मों का अध्ययन किया था।
उन्होंने पाया कि हल्के पीले और कम-कैरोटिनॉइड वाले कैवेंडिश किस्म के केले, कैरोटिनॉइड के अणुओं को तोड़ने वाले अधिक एंजाइमों का उत्पादन करते हैं।
यह शोध ‘जर्नल ऑफ एग्रीकल्चर एंड फूड केमिस्ट्री (एसीएस)’ में प्रकाशित हुआ है।