लखनऊ में अब नहीं मिलेंगे टुंडे के ‘खास’ कबाब
लखनऊ। लखनऊ के टुंडे कबाब पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं। ये शहर की यूएसपी में भी शामिल हैं। मुगलिया जायके की पहचान ये कबाब अब अपनी खास पहचान को खो चुके हैं।
दरअसल, टुंडे कबाब बनाने में भैंस के मीट का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन यूपी में बंद हुए अवैध स्लॉटरहाउस की वजह से पूरे प्रदेश में मीट की आपूर्ति प्रभावित हुई है। यही वजह है कि इस खास रेसिपी में अब चिकन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
टुंडे कबाब दुकान के मालिक मोहम्मद उस्मान के अनुसार, उनके दादा ने ये खास कबाब बनाना शुरू किया था और तब से लेकर आज तक ये कबाब नजीराबाद स्थित पुश्तैनी दुकान से ही बिक रहे हैं। हालांकि मीट की कमी के वजह से बुधवार को उन्हें अपनी दुकान बंद रखनी पड़ी थी।
बकौल उस्मान, क्योंकि हमें भैंस का मीट नहीं मिल पा रहा है, इसलिए अब टुंडे कबाब को बनाने में चिकन का उपयोग किया जा रहा है।