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लालू यादव ने ‘लिंक’ शेयर किया, लिखा- ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोबारा शपथ लेनी चाहिए’

modi-lalu_650x400_81448250349नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के मुखिया लालू प्रसाद यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोबारा शपथ लेने की ‘सलाह’ दे डाली है। लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को शपथ ग्रहण के दौरान एक शब्द का गलत उच्चारण करने के कारण मंत्रीपद की शपथ दोबारा लेनी पड़ी थी। इस गलती को लेकर सोशल मीडिया से लेकर चारों ओर खूब हो हल्ला मचा था। दो दिन तक इस मसले पर खामोशी धारण किए रहे लालू यादव ने रविवार रात दो ट्वीट किए। इन दोनों ट्वीट्स में उन्होंने पीएम मोदी को निशाना बनाया गया।

लालू यादव ने अपने ट्वीट में पीएमओ इंडिया के यूट्यूब चैनल द्वारा 26 मई 2014 को अपलोड किए गए वीडियो का लिंक दिया। इस लिंक के हवाले से लालू यादव ने कहा कि चूंकि पीएम मोदी ने भी एक शब्द का उच्चारण गलत किया है, इसलिए उन्हें भी दोबारा शपथ लेनी चाहिए। वीडियो में सुना जा सकता है कि पीएम ने ‘अक्षुण्ण’ को ‘अक्षण्ण’ बोला है।

लालू यादव ने ट्वीट करके कहा- देश को तोड़ने का इनका एजेंडा है ही क्योंकि PM ने देश की प्रभुता और अखण्डता को “अक्षुण्ण” रखने की शपथ तो ली ही नहीं थी।

Shri Narendra Damodardas Modi takes oath as the 14th Prime Minister of India | PMO

एक अन्य ट्वीट में लालू यादव ने लिखा, ‘अक्षुण्ण’ ही नहीं बोला तो शपथ बेकार है। PM को दोबारा शपथ लेनी चाहिए। “अक्षण्ण” का हिंदी में कोई शाब्दिक अर्थ नहीं है
‘अपेक्षित’ शब्‍द की जगह बोला ‘उपेक्षित’ बोल गए थे तेज प्रताप…
बिहार में नीतीश कुमार की सरकार के मंत्री पद की शपथ लेने के दौरान लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव को अपनी शपथ को दोहराना पड़ा था। एक शब्‍द का गलत उच्‍चारण करने के कारण तेज प्रताप को शपथ दोहराने की नौबत आई। राज्‍यपाल रामनाथ कोविंद ने इस गफलत के बाद तेज प्रताप को अपनी शपथ दोहराने को कहा। दरअसल, तेज प्रताप ने ‘अपेक्षित ‘शब्‍द का उच्‍चारण ‘उपेक्षित’ के रूप में किया था। हालांकि दूसरी बार भी वह एक शब्‍द में उच्‍चारण में लड़खड़ाते नजर आए। तेज प्रताप को स्वास्थ्य और पर्यावरण विभाग दिया गया है।

आलोचना पर तेज प्रताप के भाई तेजस्वी यादव दे चुके हैं कड़ा जवाब
तेजस्वी यादव ने ट्विटर पर लिखा था, ‘ब्रैंड बिहार का वैल्यू बढ़ाने और (राज्य के) विकास में अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ूंगा, जिससे कि नीतीश कुमार को मुझे अपना सहायक बनाने पर गर्व हो।’ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा था- किसी को भी किताब को उसके कवर से नहीं परखना चाहिए। मीठे रस और कड़वी दवाई का असली फायदा पता लगने में वक्त लगता है।  

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