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लिखित में माफी मांगें सूचना आयुक्त: हाईकोर्ट

high-court-shimla-5522a45346765_exlदस्तक टाइम्स/ एजेंसी. शिमला:  हाईकोर्ट ने राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त भीमसेन और सूचना आयुक्त केडी बातिश से कहा है कि यदि दोनों अधिकारी कोर्ट की अवमानना को बिना शर्त माफी मांगना चाहते हैं तो मौखिक नहीं लिखित रूप में माफी मांगें। शुक्रवार को प्रियंका वाड्रा मामले की सुनवाई के दौरान दोनों आयुक्त कोर्ट में हाजिर हुए। दोनों ने जवाब वापस लेते हुए दोबारा जवाब दाखिल करने की कोर्ट से गुहार लगाई।

न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और सुरेश्वर ठाकुर की खंडपीठ ने दोनों को 27 नवंबर तक जवाब दाखिल करने का समय दिया। प्रियंका वाड्रा की जमीन से जुड़ी सूचना मुहैया करवाने के लिए 29 जून को सूचना आयोग ने आदेश जारी किए थे। इसे याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।

हाईकोर्ट ने सूचना आयोग के फैसले पर अंतिम अंतरिम रोक लगा दी थी। प्रियंका वाड्रा ने हाईकोर्ट में शिकायत की थी कि हाईकोर्ट के स्थगन आदेश के बावजूद सूचना आयोग मामले पर सुनवाई जारी रखे है। आयोग ने एडीएम और डीसी शिमला को मामले से जुड़ा रिकॉर्ड पेश करने को हाईकोर्ट से स्टे ऑर्डर के बावजूद अगली तारीख तय की थी। हाईकोर्ट ने इसे प्रथम दृष्टया अवमानना का मामला पाया और दोनों सूचना आयुक्तों को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न उनके इस कृत्य के लिए दंडित किया जाए।

सड़क दुर्घटनाओं का मुआवजा दिया- हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सड़क दुर्घटनाओं से जुड़े दावों के मामलों में 11641565 रुपये का मुआवजा प्रदान किया। मोटर दुर्घटना दावा ट्रिब्युनल के आदेशों के खिलाफ दायर की गई वर्ष 2008 से 2013 तक की 22 अपीलों का निपटारा करते हुए मुख्य न्यायाधीश मंसूर अहमद मीर ने यह क्षतिपूर्ति हर्जाना पीड़ितों और उनके आश्रितों को प्रदान किया।

 

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