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लेजर पर नई खोज के लिए तीन को नोबेल पुरस्कार, एश्किन को रिकॉर्ड 96 की उम्र में मिला था, पुरस्कार

नई दिल्ली : भौतिकी के क्षेत्र में योगदान के लिए इस साल तीन वैज्ञानिकों को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने लेजर फिजिक्स पर खोज के लिए अमेरिका के आर्थर एश्किन, फ्रांस के गेरार्ड मोरो और कनाडा की डोना स्ट्रिकलैंड के नाम का ऐलान किया। तीनों वैज्ञानिकों को 90 लाख स्वीडिश क्रोनर “करीब 7.35 करोड़ रुपए” दिए जाएंगे। 96 साल के एश्किन को ऑप्टिकल ट्वीजर्स पर रिसर्च के लिए नोबेल की आधी इनामी राशि दी जाएगी। वे पुरस्कार पाने वाले सबसे उम्रदराज व्यक्ति हैं। उन्होंने लेजर बीम के जरिए पार्टिकल्स, परमाणु, वायरस और कोशिकाओं को पकड़ने वाली तकनीक की खोज की। दो अन्य विजेताओं को बाकी बची इनामी राशि को साझा करना होगा। मोरो और स्ट्रिकलैंड को यह अवॉर्ड सबसे छोटी और तीव्र लेजर तरंगों की खोज के लिए मिला। उनकी तकनीक का इस्तेमाल आंखों की सर्जरी के लिए किया जा रहा है। कनाडा की ओंटारियो यूनिवर्सिटी में रिसर्चर स्ट्रिकलैंड 55 साल बाद फिजिक्स में नोबेल पाने वाली महिला बनी हैं। उनसे पहले यह अवॉर्ड 1963 में न्यूक्लियर स्ट्रक्चर पर खोज करने वाली मारिया मेयर को मिला था। स्ट्रिकलैंड इतिहास में फिजिक्स का नोबेल जीतने वाली तीसरी महिला भी हैं। भौतिकी का पहला नोबेल पाने वाली पहली महिला मैरी क्यूरी थीं। उन्हें 1903 में पति पियरे क्यूरी और हैनरी बैक्वेरल के साथ संयुक्त रूप से रेडियो एक्टिविटी की खोज के लिए ये पुरस्कार मिला था।

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