कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी देवउठनी एकादशी पर रविवार (22 नवम्बर 2015) से फिर शहनाइयां गूंजेंगी। 23 नवम्बर से 14 दिसम्बर तक विवाह के 13 शुभ मुहूर्त हैं। शास्त्रों के अनुसार इस दिन से मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं, लेकिन इस बार पंचांग में मुहूर्त नहीं हैं। इस बार देव उठनी एकादशी पर व्यतिपात योग का साया रहने के कारण एेसा हो रहा है।
सूर्य व चंद्र ग्रहण की तरह इस योग से भी ग्रह-नक्षत्रों में मलिनता आती है। यह योग उथल-पुथल का परिचायक है। यही वजह है कि इस दिन विवाह के लिए लिखा हुआ सावा नहीं है। लिखे हुए सावों की शुरुआत 23 नवम्बर से होगी। इसके बाद ही मांगलिक कार्य प्रारंभ होंगे।
सूर्य व चंद्र ग्रहण की तरह इस योग से भी ग्रह-नक्षत्रों में मलिनता आती है। यह योग उथल-पुथल का परिचायक है। यही वजह है कि इस दिन विवाह के लिए लिखा हुआ सावा नहीं है। लिखे हुए सावों की शुरुआत 23 नवम्बर से होगी। इसके बाद ही मांगलिक कार्य प्रारंभ होंगे।
ये रहेंगे शुभ मुहूर्तः इस साल 23 नवंबर से 14 दिसंबर के बीच विवाह के लिखे हुए 13 शुभ मुहूर्त होंगे, जिसमें 23, 26 व 27 नवंबर तथा दिसंबर में 2 से 8, 12, 13 व 14 तक हैं। 15 दिसंबर से सूर्य का बृहस्पति की धनु राशि में गोचर करने से खर मास शुरू हो जाएगा। यह स्थिति 14 जनवरी 2015 तक रहेगी। इससे मांगलिक कार्य नहीं होंगे। अगले वर्ष 15 जनवरी से फिर विवाह के मुहूर्त शुरू होंगे।