वन रैंक वन पेंशन के लिए अनशन कर रहे हवलदार की हालत बिगड़ गई
नई दिल्ली। वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) के लिए नौ दिनों से अनशन कर रहे अवकाश प्राप्त कर्नल पुष्पेंद्र सिंह की हालत अस्पताल में स्थिर बनी हुई है। लेकिन, मंगलवार को एक अन्य अनशनकारी अवकाश प्राप्त हवलदार मेजर सिंह की हालत बिगड़ गई। पुष्पेंद्र सिंह की हालत बिगड़ने के बाद उन्हें आर्मी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल में मंगलवार को भर्ती कराया गया। अस्पताल के प्रवक्ता ने बताया, “उनकी हालत अब स्थिर है और उनमें सुधार है।”
पूर्व सैनिकों के मंच के प्रवक्ता अवकाश प्राप्त कर्नल अनिल कौल ने बताया कि पुष्पेंद्र सिंह ने अपना अनशन तोड़ने से मना कर दिया है। इस बीच, एक अन्य अनशनकारी अवकाश प्राप्त हवलदार मेजर सिंह की हालत मंगलवार को बिगड़ गई। वह नौ दिनों से भूख हड़ताल पर हैं। कौल ने बताया, “हवलदार मेजर सिंह को आज (मंगलवार को) हटाया जा सकता है, हालांकि वह अस्पताल जाने से मना कर रहे हैं। ”
इस बीच, पुष्पेंद्र सिंह की जगह अवकाश प्राप्त हवलदार साहेब सिंह अनशन पर बैठ गए हैं। अनिल कौल ने बताया कि अनशन पर बैठे अवकाश प्राप्त हवलदार अशोक चव्हाण और साहेब सिंह की सेहत सामान्य बनी हुई है। उम्मीद की जा रही है कि रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर मंगलवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात कर उन्हें पूर्व सैनिकों के आंदोलन की जानकारी देंगे। पूर्व सैनिकों ने रक्षामंत्री से आग्रह भी किया है कि वह उनकी प्रधानमंत्री से मुलाकात करा दें।
सरकार ने पूर्व सैनिकों से अपील की हुई है कि 26 अगस्त से पहले अपने आंदोलन को और तेज न करें। लेकिन, कौल ने कहा कि प्रदर्शनकारी पूर्व सैनिकों को सरकार की तरफ से कोई संदेश नहीं मिला है। पूर्व सैनिकों के प्रदर्शन और क्रमिक अनशन का मंगलवार 72वां दिन है। देश में करीब 24 लाख अवकाश प्राप्त सैनिक हैं और 6.5 लाख सैनिकों की विधवाएं हैं। ओआरओपी पर अमल होने से इन्हें आर्थिक लाभ होगा।