राष्ट्रीय

वरिष्ठ नौकरशाह अमिताभ कांत ने की गोमांस सेवन की वकालत

102401-amitabh-kant (1)दस्तक टाइम्स एजेन्सी/
नई दिल्ली : वरिष्ठ नौकरशाह अमिताभ कांत ने यह कहकर हलचल पैदा कर दी है कि भारत जैसे लोकतंत्र में लोगों को बीफ सहित वह जो कुछ भी खाना चाहते हों, उसकी आजादी होनी चाहिए।

कांत ने बाद में स्पष्ट किया कि वह एक समारोह के दौरान ‘स्टार्ट-अप’ योजना के बारे में सवालों का जवाब दे रहे थे। उसी दौरान अचानक बीफ विवाद पर सवाल किए गए। उन्होंने कहा, ‘मैंने केरल में सामान्य व्यवहार के बारे में जवाब दिया, जो मेरा कैडर राज्य है। इसका प्रसंग वही था।’ 

भारत सरकार के औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग में सचिव कांत ने कहा था, ‘मेरा मानना है कि हम लोकतंत्र में हैं जिसमें लोगों को यह तय करने का अधिकार है कि वे क्या कहना चाहते हैं, जो लोगों को यह तय करने की अनुमति देता है कि वे क्या खाना चाहते हैं।’ 

एक टीवी न्यूज चैनल के कार्यक्रम में यह पूछे जाने पर कि क्या उसमें बीफ शामिल है, उन्होंने पलटकर जवाब दिया, ‘निश्चित रूप से। पसंद की आजादी होनी चाहिए। मैंने यह इस तथ्य के संदर्भ में कहा कि मैं केरल कैडर से हूं, मेरा पड़ोसी एक नायर था, मेरे दाहिनी ओर का पड़ोसी एक ब्राह्मण था, वे सब बीफ सेवन करते थे। हम सब उस राज्य में बीफ खाते हुए बड़े हुए। पसंद की आजादी होनी चाहिए।’ 

कांत ने पहले भी कहा था कि वह निजी रूप से बीफ के निर्यात पर रोक लगाए जाने के पक्ष में नहीं थे। उनका कहना था कि सरकार को ऐसे क्षेत्रों से बाहर होना चाहिए और उसे वृद्धि के उत्प्रेरक के तौर पर काम करना चाहिए।

अमिताभ कांत नीति आयोग के कार्यवाहक सीईओ भी है। उन्होंने अभिनेता आमिर खान पर भी निशाना साधा। उन्होंने देश में ‘असहिष्णुता’ के माहौल के संबंध में खान की टिप्पणी पर जवाबी टिप्पणी की थी। कांत ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि हर किसी को यह कहने की आजादी है कि वे क्या कहना चाहते हैं सिवाय इसके कि जब वह अतुल्य भारत के ब्रांड एंबेसडर हैं।’ 

केरल कैडर के 1980 बैच के आईएएस अधिकारी कांत ने कहा कि आमिर ने अतुल्य भारत अभियान का ब्रांड एंबेसडर रहने के दौरान ब्रांड इंडिया को नुकसान पहुंचाया। कांत ने इस अभियान में अहम भूमिका निभायी थी। अभियान से आमिर खान के हटाए जाने का बचाव करते हुए कांत ने कहा था कि भारत को ‘असहिष्णु देश’ कह कर अभिनेता ने ब्रांड एंबेसडर की अपनी भूमिका के खिलाफ काम किया।

उन्होंने पहले कहा था, ‘कोई ब्रांड एंबेसडर एक ब्रांड को प्रोत्साहित करता है। लोग तभी भारत आएंगे और पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी जब अतुल्य भारत के ब्रांड एंबेसडर देश को अतुल्य के रूप में दर्शाएंगे। लेकिन अगर ब्रांड एंबेसडर कहते हों कि भारत असहिष्णु है तो वह निश्चित रूप से ब्रांड एंबेसडर के रूप में काम नहीं कर रहे हैं।’ आमिर ने पिछले साल नवंबर में अपने एक बयान से ‘असहिष्णुता’ विवाद को हवा दे दी थी।

नई दिल्ली : वरिष्ठ नौकरशाह अमिताभ कांत ने यह कहकर हलचल पैदा कर दी है कि भारत जैसे लोकतंत्र में लोगों को बीफ सहित वह जो कुछ भी खाना चाहते हों, उसकी आजादी होनी चाहिए।

 

कांत ने बाद में स्पष्ट किया कि वह एक समारोह के दौरान ‘स्टार्ट-अप’ योजना के बारे में सवालों का जवाब दे रहे थे। उसी दौरान अचानक बीफ विवाद पर सवाल किए गए। उन्होंने कहा, ‘मैंने केरल में सामान्य व्यवहार के बारे में जवाब दिया, जो मेरा कैडर राज्य है। इसका प्रसंग वही था।’ 

भारत सरकार के औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग में सचिव कांत ने कहा था, ‘मेरा मानना है कि हम लोकतंत्र में हैं जिसमें लोगों को यह तय करने का अधिकार है कि वे क्या कहना चाहते हैं, जो लोगों को यह तय करने की अनुमति देता है कि वे क्या खाना चाहते हैं।’ 

एक टीवी न्यूज चैनल के कार्यक्रम में यह पूछे जाने पर कि क्या उसमें बीफ शामिल है, उन्होंने पलटकर जवाब दिया, ‘निश्चित रूप से। पसंद की आजादी होनी चाहिए। मैंने यह इस तथ्य के संदर्भ में कहा कि मैं केरल कैडर से हूं, मेरा पड़ोसी एक नायर था, मेरे दाहिनी ओर का पड़ोसी एक ब्राह्मण था, वे सब बीफ सेवन करते थे। हम सब उस राज्य में बीफ खाते हुए बड़े हुए। पसंद की आजादी होनी चाहिए।’ 

कांत ने पहले भी कहा था कि वह निजी रूप से बीफ के निर्यात पर रोक लगाए जाने के पक्ष में नहीं थे। उनका कहना था कि सरकार को ऐसे क्षेत्रों से बाहर होना चाहिए और उसे वृद्धि के उत्प्रेरक के तौर पर काम करना चाहिए।

अमिताभ कांत नीति आयोग के कार्यवाहक सीईओ भी है। उन्होंने अभिनेता आमिर खान पर भी निशाना साधा। उन्होंने देश में ‘असहिष्णुता’ के माहौल के संबंध में खान की टिप्पणी पर जवाबी टिप्पणी की थी। कांत ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि हर किसी को यह कहने की आजादी है कि वे क्या कहना चाहते हैं सिवाय इसके कि जब वह अतुल्य भारत के ब्रांड एंबेसडर हैं।’ 

केरल कैडर के 1980 बैच के आईएएस अधिकारी कांत ने कहा कि आमिर ने अतुल्य भारत अभियान का ब्रांड एंबेसडर रहने के दौरान ब्रांड इंडिया को नुकसान पहुंचाया। कांत ने इस अभियान में अहम भूमिका निभायी थी। अभियान से आमिर खान के हटाए जाने का बचाव करते हुए कांत ने कहा था कि भारत को ‘असहिष्णु देश’ कह कर अभिनेता ने ब्रांड एंबेसडर की अपनी भूमिका के खिलाफ काम किया।

उन्होंने पहले कहा था, ‘कोई ब्रांड एंबेसडर एक ब्रांड को प्रोत्साहित करता है। लोग तभी भारत आएंगे और पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी जब अतुल्य भारत के ब्रांड एंबेसडर देश को अतुल्य के रूप में दर्शाएंगे। लेकिन अगर ब्रांड एंबेसडर कहते हों कि भारत असहिष्णु है तो वह निश्चित रूप से ब्रांड एंबेसडर के रूप में काम नहीं कर रहे हैं।’ आमिर ने पिछले साल नवंबर में अपने एक बयान से ‘असहिष्णुता’ विवाद को हवा दे दी थी।

Related Articles

Back to top button