लखनऊ। कथाकार दूधनाथ सिंह को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के सर्वोच्च पुरस्कार भारत-भारती और कथाकार ममता कालिया को लोहिया साहित्य सम्मान के लिए चुना गया है। इन्हें सात दिसंबर को इस सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। पुरस्कार देने का यह फैसला हिंदी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह की अध्यक्षता की बैठक में लिया गया। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान ने साल 2013 के पुरस्कारों पर निर्णय लेते हुए नामों की घोषणा कर दी है। इसके अलावा दो लाख रुपए से लेकर आठ हजार रुपए तक के पुरस्कार भी घोषित किए गए हैं। 17 अक्टूबर 1936 को सोबंथा, बलिया, उत्तर प्रदेश में जन्में हिन्दी के प्रसिद्ध कहानीकार और नाटककार दूधनाथ सिंह को भारत भारती पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने उपन्यास, कहानी, नाटक, संस्मरण, कविता, आलोचना समेंत कई विधाओं में लेख लिखे है। ममता कालिया (2 नवंबर,1940) एक प्रमुख भारतीय लेखिका हैं। वे कहानी, नाटक, उपन्यास, निबंध, कविता और पत्रकारिता अर्थात साहित्य की लगभग सभी विधाओं में लेख लिख चुकी हैं। पुरस्कारों में शीर्ष 5 लाख रुपए का भारत भारती पुरस्कार सम्मान दूधनाथ सिंह को दिया जाएगा। वहीं, चार लाख रुपए का लोहिया साहित्य सम्मान ममता कालिया को, 4 लाख रुपए का हिंदी गौरव सम्मान डॉ. सुरेश गौतम को, 4 लाख रुपए का महात्मा गांधी साहित्य सम्मान चंद्रकांता को, 4 लाख रुपए का पं. दीन दयाल उपाध्याय साहित्य सम्मान डॉ. कन्हैया सिंह, 4 लाख रुपए का अवंतीबाई साहित्य सम्मान लाखन सिंह भदौरिया और 4 लाख रुपए का राजर्षि पुरूषोत्तमदास टंडन सम्मान असम राष्ट्रभाषा प्रचार समिति गोवाहटी को दिए जाने का फैसला किया है।
इन्हें मिलेगा साहित्य भूषण सम्मान
साहित्य भूषण सम्मान और दो लाख बतौर ईनाम पाने वाले बैजनाथ प्रसाद शुक्ल, डॉ.राम सिंह यादव, डॉ देवेंद्र दीपक, पुन्नी सिंह, डॉ. महावीर सरन जैन, डॉ. कुसुम खैमानी, डॉ. शंभु नाथ, नुशरत नाहीद, जमुना प्रसाद उपाध्याय और विभूति नारायण राय।