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लखनऊ : बसपा सुप्रीमो मायावती ने वाराणसी में फ्लाईओवर हादसे में 18 लोगों की मौत पर बेहद दुख प्रकट किया है। इसके साथ ही उन्होंने इस हादसे को आपराधिक लापरवाही बताकर इसकी तत्काल जांच तथा जिम्मेदार लोगों की एक्शन की भी मांग की है। बसपा मुखिया मायावती ने कल वाराणसी में ट्रैफिक के भीड़ के दौरान निर्माणाधीन बड़े पुल का एक बड़ा हिस्सा गिरने से 15 लोगों की मौत तथा अन्य 30 से अधिक लोगों के घायल होने पर गहरा दु:ख व आक्रोश व्यक्त किया है। इसके साथ ही उन्होंने इसमें लापरवाही व जिम्मेदारी तय करने के लिए घटना की उच्च-स्तरीय जांच की मांग की है। मायावती ने कहा कि घोर आपराधिक लापरवाही आदि के मामलों में भाजपा के नेताओं के सस्ती मानसिकता दिखाकर केवल ”मन पर बोझ” बता जिम्मेदारी से मुक्ति पा लेने का प्रयास सही नहीं है बल्कि इसके लिये कुछ ठोस सुधारात्मक कार्रवाई व उपाय भी करने की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार का बुरा व गैरजिम्मेदारी का हाल अपराध नियंत्रण व कानून-व्यवस्था के मामले में भी बना है। जिसके कारण प्रदेश में जमीनी स्तर पर हर तरफ हिंसा, अराजकता व जंगलराज जैसे माहौल व्याप्त है। वहीँ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, ईमानदारी से वाराणसी हादसे जांच भी कराए सरकार।
मायावती ने कहा कि अक्सर यही देखा गया है कि सरकार पीडि़त परिवारों व घायलों आदि को अनुग्रह राशि आदि देकर अपने को जिम्मेदारी से मुक्त समझ लेती है। इसके साथ-साथ सरकार का असली कर्तव्य है कि वह दोषियों की पहचान करके सजा सुनिश्चित करे ताकि घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो। ऐसा नहीं होने के कारण ही प्रदेश में एक-के-बाद-एक लगातार गम्भीर आपराधिक घटनायें होती चली जा रही हैं। उन्होंने कहा कि वास्तव में यही बुरा व गैर-जिम्मेदारी का हाल अपराध नियंत्रण व कानून-व्यवस्था के मामले में भी प्रदेश की भाजपा सरकार का बना हुआ है जिस कारण प्रदेश में जमीनी स्तर पर हर तरफ हिंसा, अराजकता व जंगलराज जैसे माहौल है। भाजपा के मंत्री व इनके नेताओं के बयानों में ही लोगों को हसीन सपने दिखाये जाने के प्रयास हो रहे हैं। मायावती ने कहा कि अपराध नियंत्रण व कानून-व्यवस्था के साथ खासकर दलितों व पिछड़ों के विरुद्ध जातिगत द्वेष, हिंसा व अन्याय-अत्याचार के मामले भी प्रदेश में रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। इतना ही नहीं बल्कि ऐसे मामलो में अपराधियों को खुलेआम पुलिस व सरकारी संरक्षण मिलने के कारण स्थिति अत्यन्त ही गम्भीर बनती जा रही है।