उत्तर प्रदेशराजनीति
वाराणसी में मोदी व केजरी फिर आमने-सामने
दस्तक टाइम्स एजेंसी/ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार-फिर आमने-सामने होंगे। वर्ष 2014 में हुए संसदीय चुनाव में काशी से ही नरेन्द्र मोदी व आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल के बीच संसदीय सीट को लेकर मुकाबला हुआ था। इसमें मोदी ने केजरीवाल को पटखनी दी थी। यह लड़ाई इतनी दिलचस्प थी कि आज भी यहां के लोग उस भिडंत को याद करते है।
22 फरवरी को संत रैदास जयंती समारोह में दोनों ही नेताओं के आमने-सामने होने की संभावना है। मोदी का संत रैदास जयंती समारोह में 22 फरवरी को आने का कार्यक्रम लगभग पक्का है और प्रारंभिक प्रोटोकॉल भी आ चुका है, जिसके अनुसार तैयारी आरंभ हो चुकी है। इसी बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कार्यक्रम में आने की तैयारी की है। 13 फरवरी को अरविंद केजरीवाल के आने का कार्यक्रम घोषित हो जाएगा। आप पार्टी के लोगों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर तैयारी भी आरंभ कर दी है।
पंजाब चुनाव की तैयारी में दोनों पार्टी
संत रैदास जयंती समारोह में सबसे अधिक अनुयायी पंजाब से आते है और संसदीय चुनाव में मोदी लहर के बाद भी आप के चार प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। ऐसे में अरविंद केजरीवाल को पंजाब में होने वाले चुनाव में अच्छी जीत मिलने की उम्मीद है। इसके साथ ही यूपी में चुनाव लडऩे की जमीन भी तैयार हो जाएगी। भाजपा की निगाहें भी दोनों जगहों के चुनाव पर लगी है इसलिए पार्टी अपने स्टार प्रचारक एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संत रैदास जयंती के बहाने दलित वोट बैंक को साधने के लिए समारोह में भेज रही है।
बसपा भी ताल ठोंकने को तैयार
बहुजन समाज पार्टी के मुख्य वोट बैंक दलित है और पंजाब में इसी वोट बैंक के सहारे बसपा ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी और वह इस वोट बैंक को किसी अन्य पार्टी के कब्जे में जाने नहीं दे सकती है ऐसे में संत रैदास जयंती पर पीएम मोदी व दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल अपनी राजनीति फसल बोएगी, वहीं गंगा उस पार रामनगर में बसपा भी संत रैदास जयंती मनाकर अपनी ताकत दिखायेगी।