नई दिल्ली : वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल से जून) में देश का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 8.2 प्रतिशत बढ़ा है। मैन्यूफैक्चरिंग और फार्म सेक्टर के बेहतरीन प्रदर्शन की वजह से ऐसा मुमकिन हुआ है। यह पिछले 2 साल में सबसे ऊंची विकास दर है। शुक्रवार को सरकार ने जीडीपी के आंकड़े जारी किए। इससे पहले 2015-16 की जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी में सर्वाधिक तेज वृद्धि हासिल की गई। तब जीडीपी 9.3 प्रतिशत रही थी। पिछली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.7 प्रतिशत थी, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 5.59 प्रतिशत थी। मैन्यूफैक्चरिंग, इलेक्ट्रिसिटी, गैस, वॉटर सप्लाइ व अन्य यूटिलिटी सर्विसेज, कंस्ट्रक्शन, डिफेंस और अन्य सेवाओं ने 7 प्रतिशत से ज्यादा की ग्रोथ दर्ज की है। 2011-12 की स्थिर कीमतों के आधार पर 2018-19 की पहली तिमाही में देश की आनुमानित जीडीपी 33.74 लाख करोड़ रुपये दर्ज की गई, जो पिछले साल की पहली तिमाही में 31.18 लाख करोड़ रुपये थी। इस तरह 8.2 प्रतिशत की ग्रोथ रेट दर्ज हुई है।
गौरतलब है कि सरकार ने 2015 में जीडीपी गणना के लिए बेस इयर को 2004-05 से बदलकर 2011-12 कर दिया था। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ग्रॉस वेल्यू एडेड (GVA) ग्रोथ रेट 8 प्रतिशत रही। बता दें कि जीडीपी के जरिए उपभोक्ताओं और मांग के नजरिए से किसी देश की आर्थिक गतिविधियों की तस्वीर साफ होती है जबकि इसके उलट GVA के जरिए निर्माताओं या आपूर्ति के लिहाज से आर्थिक गतिविधियों की तस्वीर साफ होती है। अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी बात यह है कि अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट उम्मीद से भी बेहतर है। ताजा जीडीपी आंकड़ों से दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था का भारत का तमगा और सुरक्षित हो गया है।
चीन ने दूसरी तिमाही में 6.7 प्रतिशत की जीडीपी ग्रोथ दर्ज की है। चीन में जनवरी से दिसंबर का वित्तीय कैलेंडर लागू है, जबकि भारत में अप्रैल से मार्च का वित्तीय कैलेंडर चलता है। इससे पहले, विश्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक इसी साल भारत ने 2.6 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी के साथ फ्रांस को पछाड़कर दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का तमगा हासिल किया है। दूसरी तरफ, 2017-18 के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से बुधवार को जारी किए गए सालाना रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि 2018-19 के पूर्ण वित्तीय वर्ष में आर्थिक विकास दर 7.4 प्रतिशत रहेगी।