नई दिल्ली : वित्तीय संकट से जूझ रही निजी विमान सेवा कंपनी जेट एयरवेज की उड़ानें बड़ी संख्या में रद्द होने के बावजूद नियामक संस्थान नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) फिलहाल उस पर कार्रवाई की कोई योजना नहीं बना रहा है। नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने बुधवार को बताया कि बड़ी संख्या में जेट एयरवेज के विमान जमीन पर खड़े हैं जिससे उड़ानें रद्द हुई हैं। लेकिन अभी उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है क्योंकि वह हर उड़ान के रद्द होने की पूर्व सूचना डीजीसीए को दे रहा है। एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बात करते हुए खरोला ने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि उड़ानें किस वजह से रद्द हो रही हैं और किस कारण से विमान उड़ान नहीं भर रहे हैं। यदि पट्टे पर विमान देने वाली कंपनी पट्टा नहीं बढ़ाती है तो इसमें विमान सेवा कंपनी कुछ नहीं कर सकती। उल्लेखनीय है कि इस समय जेट एयरवेज के बेड़े में 123 विमान हैं जिनमें कम से कम 30 जमीन पर खड़े हैं। इस कारण बड़ी संख्या में उसकी उड़ानें रद्द हो रही हैं। वेतन नहीं मिलने के कारण एयरवेज के पायलटों के ड्यूटी पर नहीं आने के संबंध में पूछे जाने पर खरोला ने एक बार फिर कहा कि यह भी इस बात पर निर्भर करता है कि पायलटों के नहीं आने का क्या कारण है। उन्होंने कहा कि अभी डीजीसीए को कार्रवाई का कोई कारण नजर नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि डीजीसीए लगातार कंपनी के साथ संपर्क में है।